Magha Gupta Navratri: शारदीय नवरात्रि के दौरान मनाए जाने वाले अधिकांश रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान भी किया जाता है. घटस्थापना मुहूर्त शारदीय नवरात्रि के दौरान अधिक लोकप्रिय है लेकिन माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान भी इसकी आवश्यकता होती है. जानें माघ गुप्तनवरात्रि घटस्थापना नियम, मुहूर्त.
घटस्थापना नवरात्रि के महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है. यह नौ दिनों की दुर्गा पूजा की शुरुआत का प्रतीक है. हमारे शास्त्रों में नवरात्रि की शुरुआत में एक निश्चित अवधि के दौरान घटस्थापना करने के लिए विधि-विधान और दिशानिर्देश तय हैं. घटस्थापना देवी शक्ति का आह्वान है और इसे गलत समय पर करने से, जैसा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है, देवी शक्ति का प्रकोप हो सकता है.
घटस्थापना करने के लिए सबसे शुभ या शुभ समय दिन का पहला एक तिहाई है, जबकि प्रतिपदा प्रचलित है. यदि किन्हीं कारणों से यह समय उपलब्ध नहीं हो पाता है तो अभिजीत मुहूर्त के दौरान घटस्थापना की जा सकती है. घटस्थापना के दौरान नक्षत्र चित्र और वैधृति योग से बचने की सलाह दी जाती है, लेकिन वे निषिद्ध नहीं हैं. विचार करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक यह है कि घटस्थापना हिंदू दोपहर से पहले की जाती है जबकि प्रतिपदा प्रचलित है.
हम लग्न पर भी विचार करते हैं और द्वि-स्वभाव लग्न (द्वि स्वभाव लग्न) को परिकलित मुहूर्त में शामिल करने का प्रयास करते हैं. शारदीय नवरात्रि के दौरान द्वि-स्वभाव लग्न कन्या सूर्योदय के समय प्रबल होती है और यदि उपयुक्त हो तो हम इसे घटस्थापना मुहूर्त के लिए लेते हैं.
घटस्थापना के लिए जो कारक निषिद्ध हैं, वे हैं दोपहर, रात का समय और सूर्योदय के बाद सोलह घाटियों के बाद का समय.घटस्थापना को कलश स्थापना के नाम से भी जाना जाता है.
माघ घटस्थापना बुधवार, फरवरी 2, 2022 को
घटस्थापना मुहूर्त – 07:09 ए एम से 08:31 ए एम
अवधि – 01 घण्टा 22 मिनट्स
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है.
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – फरवरी 01, 2022 को 11:15 ए एम बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – फरवरी 02, 2022 को 08:31 ए एम बजे