Magh Mela 2021: मकर संक्रांति पर बनेगा पंचग्रही योग, जानिए इस बार प्रमुख स्नान पर्वों पर बरसेगी बृहस्पति देव की कृपा
Magh Mela 2021: प्रयाग में संगम की रेती पर विश्व प्रसिद्ध माघ मेला 14 जनवरी से शुरू होगा. प्रयागराज में संगम किनारे होने वाले माघ मेले के लिए प्रशासन तैयारियों में जुट गया है. इस मेले की तैयारियां लगभग पूरी हो चली है. कोरोना काल में तमाम चुनौतियों के बीच माघ मेला एक नई आशा का किरण लेकर आ रहा है, क्योंकि इस बार माघ मेला के स्नान पर्वों पर गुरु बृहस्पति का दुर्लभ योग बन रहा है.
Magh Mela 2021: प्रयाग में संगम की रेती पर विश्व प्रसिद्ध माघ मेला 14 जनवरी से शुरू होगा. प्रयागराज में संगम किनारे होने वाले माघ मेले के लिए प्रशासन तैयारियों में जुट गया है. इस मेले की तैयारियां लगभग पूरी हो चली है. कोरोना काल में तमाम चुनौतियों के बीच माघ मेला एक नई आशा का किरण लेकर आ रहा है, क्योंकि इस बार माघ मेला के स्नान पर्वों पर गुरु बृहस्पति का दुर्लभ योग बन रहा है. 14 जनवरी को मकर संक्रांति से शुरू हो रहे माघ मेला के छह स्नान पर्व में चार स्नान पर्व गुरुवार को ही पड़ रहे हैं. ग्रहीय गोचर के अनुसार, गुरु बृहस्पति महामारी व अनिष्टकारी शक्तिओं को नष्ट करने में सक्षम हैं.
गुरुवार के दिन पड़ रहा है 6 में चार स्नान पर्व
माघ मेला का पहला स्नान पर्व 14 जनवरी दिन गुरुवार को मकर संक्रांति से शुरू होगा. इसमें 28 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 11 फरवरी को मौनी अमावस्या और 11 मार्च को महाशिवरात्रि का स्नान पर्व गुरुवार के दिन ही पड़ेगा. इस बीच 16 फरवरी को वसंत पंचमी मंगलवार और माघी पूर्णिमा 27 फरवरी दिन शनिवार को पड़ेगी.
गुरु पुण्य योग से बढ़ेगी पर्वों की शुभता
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शास्त्रों में गुरुवार धर्म-कर्म, पौष्टिक कर्म, यज्ञ, विद्या, वस्त्र, यात्रा और औषधि को बल प्रदान करता है. मकर संक्रांति व मौनी अमावस्या दोनों स्नान पर्व पर गुरु पुण्ययोग व श्रवण नक्षत्र का योग है. श्रवण नक्षत्र के स्वामी विष्णु हैं.
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महामारी को नियंत्रित करेंगे बृहस्पति देव
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, गुरु बृहस्पति चार प्रमुख स्नान पर्वों पर द्वादश माधव के सानिध्य में शुभता प्रदान करेंगे. साथ ही अपने प्रभाव से विश्व में व्याप्त कोरोना महामारी नियंत्रित करेंगे. ज्योतिषाचार्य उमेश शर्मा के अनुसार गुरु बृहस्पति सौम्य, शक्तिशाली और शुभकारक हैं.
संक्रांति पर बनेगा पंचग्रही योग
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, संक्रांति के समय सूर्य सहित चंद्रमा, बुध, गुरु और शनि पांच ग्रही योग बन रहा है. संक्रांति का पुण्य काल दोपहर 1 बजकर 50 से सूर्यास्त तक रहेगा.
News Posted by: Radheshyam Kushwaha