Ganesh Jayanti 2024: माघ मास की गणेश जयंती आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Ganesh Jayanti 2024: आज गणेश जयंती मनाई जा रही है. गणेश जयंती को माघ शुक्ल चतुर्थी, तिलकुंड चतुर्थी और वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं गणेश जयंती पर शुभ मुहूर्त, पूजा विधि के बारे में...

By Radheshyam Kushwaha | February 15, 2024 11:49 PM

Ganesh Jayanti 2024: माघ मास की गणेश जयंती आज है. गणेश जयंती के अलावा इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश जी की पूजा-व्रत करने का विधान है. शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है. गणेश जयंती 13 फरवरी दिन मंगलवार यानी आज मनाई जा रही है. गणेश जयंती को माघ शुक्ल चतुर्थी, तिलकुंड चतुर्थी और वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं गणेश जयंती पर शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व…

गणेश जयंती 2024 तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 12 फरवरी 2024 शाम 5 बजकर 44 मिनट से शुरू हो चुकी है, ये तिथि आज 13 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार इस बार गणेश जयंती आज 13 फरवरी को है. गणेश जयंती पर पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त 13 फरवरी की सुबह 11 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक रहेगा.

गणेश जयंती 2024 शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार गणेश जयंती पर सर्वार्थ सिद्धि के साथ साध्य और सिद्ध योग बना है. बता दें कि सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 04 मिनट दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. चंद्र दर्शन का वर्जित समय 12 फरवरी की शाम 5 बजकर 44 मिनट से रात 8 बजकर 54 मिनट तक और 13 फरवरी को सुबह 9 बजकर 18 मिनट से रात 10 बजकर 4 मिनट तक रहेगा.

Also Read: Aaj ka Panchang 13 फरवरी 2024: माघ शुक्ल पक्ष चतुर्थी उपरांत पंचमी , जानें में शुभ-अशुभ समय
गणेश 2024 पूजा विधि

  • माघ गणेश चतुर्थी के दिन सुबह स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें.

  • फिर व्रत का संकल्प लेकर भगवान गणेश की पूजा आरंभ करें.

  • लकड़ी की चौकी में लाल या पीला रंग का वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश की तस्वीर या मूर्ति स्थापित कर दें.

  • जल से आचमन करें और गणेश जी को वस्त्र, माला, फूल, दूर्वा, फूल माला, सिंदूर, हल्दी, गीला अक्षत आदि चढ़ा दें.

  • भोग में बूंदी के लड्डू, मोदक या अपनी श्रद्धा के अनुसार भोग लगाएं.

  • घी का दीपक और धूप जलाकर गणेश मंत्र, गणेश चालीसा, गणेश स्तोत्र, गणेश चतुर्थी व्रत कथा का पाठ कर लें.

Next Article

Exit mobile version