माघ पूर्णिमा के दिन करें इन मंत्रों का जाप, दूर हो सकती है सारी परेशानियां

Magh Purnima Mantra 2025: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की आराधना के लिए विशेष रूप से समर्पित है. इस दिन भक्तजन उपवास रखते हैं और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं. जो लोग गुरुवार का उपवास करते हैं, उन्हें इस उपवास के नियमों का पालन करना अनिवार्य है. इस दिन विशेष मंत्रों का जाप महत्व रखता है. आइए जानें.

By Gitanjali Mishra | February 6, 2025 9:19 AM
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Magh Purnima 2025 Mantra : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ के अमृत स्नान के बाद अब माघ पूर्णिमा का स्नान होगा जो 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा की तिथि पर मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का अत्यधिक महत्व होता है ,इस दिन श्रीहरि, मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करने का विधि-विधान माना जाता है,धार्मिक शास्त्र मान्यताओं के मुताबिक, इस तिथि पर अपने घरों में सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा सुनते ,करते हैं,साथ ही माना गया है कि इस तिथि पर गंगा व अन्य पवित्र नदी स्नान और दान-पुण्य करने की मान्यता है.

महत्व होता है ,इस दिन श्रीहरि, मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करने का विधि-विधान माना जाता है,धार्मिक शास्त्र मान्यताओं के मुताबिक, इस तिथि पर अपने घरों में सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा सुनते ,करते हैं,साथ ही माना गया है कि इस तिथि पर गंगा व अन्य पवित्र नदी स्नान और दान-पुण्य करने की मान्यता है.

कब मनाई जाएगी माघ पूर्णिमा और क्या है मुहूर्त?

ज्योतिषी पंचांग के अनुसार की मानें तो माघ पूर्णिमा की तिथि 11 फरवरी 2025 की संध्या 06 बजकर 55 मिनट से लगकर, अगले दिन 12 फरवरी 2025 को 07बजकर 22 मिनट तक रहेगी.हिंदू धर्म के अनुसार उदया तिथि की मान्यता होती है, ऐसे में 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा तिथि मनाई जाएगी. साथ ही चंद्रोदय संध्या.05 बजकर 59 मिनट पर लगेगा.

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माघ पूर्णिमा 2025 तिथि पर करें इन मंत्रों का जप

जो लोग माघ पूर्णिमा के अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का वरदान प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें माघ पूर्णिमा के तिथि के दिन इन विशेष मंत्रों का भी उच्चारण अवश्य करें.

श्री हरि विष्णु मंत्र

ॐ नमोः नारायणाय

ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय

ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि,
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्

शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्

मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः

मां लक्ष्मी मंत्र

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद,

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:

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