महाकुंभ मेले पर बन रहा है शुभ संयोग, यहां से जानें
Maha Kumbh Mela 2025: कुंभ मेले के दौरान गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. 'कुंभ' का अर्थ घड़े से है. यह मेला ऋषियों के समय से आयोजित किया जा रहा है. महाकुंभ, जो 30 से 45 दिनों तक चलता है, हिंदुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. कुछ वर्ष पूर्व हरिद्वार में कुंभ मेला आयोजित किया गया था.
Maha Kumbh Mela 2025: भारत में महाकुंभ के लिए महीनों से विशेष तैयारियों का कार्य चल रहा है. साधु-संतों ने पहले से ही प्रयागराज में अपने डेरों की स्थापना कर ली है. सनातन धर्म का पालन करने वाले लगभग सभी अखाड़े यहां उपस्थित हो चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में इस बार विशेष तैयारियों का ध्यान रखा गया है. महाकुंभ 2025 के इस अद्वितीय और पवित्र आयोजन के दौरान रवि योग और भद्रावास योग का निर्माण होगा.
महाकुंभ मेले के अवसर पर शुभ संयोग का निर्माण होगा.
महाकुंभ मेले के दौरान रवि योग का निर्माण होने जा रहा है. यह योग सुबह 7 बजकर 15 मिनट से प्रारंभ होगा और सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगा. इसी दिन भद्रावास योग का भी संयोग बन रहा है, जिसमें भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है.
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छह शाही स्नान की तिथियां
महाकुंभ मेला के दौरान कुल छह शाही स्नान आयोजित किए जाएंगे:
- प्रथम शाही स्नान 13 जनवरी 2025 को होगा.
- द्वितीय शाही स्नान 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के अवसर पर होगा.
- तृतीय शाही स्नान 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के दिन होगा.
- चतुर्थ शाही स्नान 2 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी के अवसर पर होगा.
- पंचम शाही स्नान 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा पर होगा.
- अंतिम शाही स्नान 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन होगा.
शुभ योग का महत्व
महाकुंभ मेले में 13 जनवरी 2025 को सुबह 7:15 बजे से 10:38 बजे तक रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इसके अतिरिक्त, इस दिन भद्रवास योग भी बन रहा है, जो पूजा और धार्मिक कार्यों के लिए लाभकारी होता है.