MahaShivratri 2021 Date, Shivratri Kab Hai, Puja Vidhi, Muhurat, Vrat Vidhi : इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 11 मार्च 2021 (गुरुवार) को मनाया जाएगा. मान्यतानुसार शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन भगवान शिव की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है और साथ ही व्रत उपवास करने का विधान है.
शाम 06:27 से रात 09:29 तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय: रात 09:29 से 12:31 तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय: रात 12:31 से 03:32 तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय: रात 03:32 से सुबह 06:34 तक
भगवान शिव सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले माने जाते हैं. जिन लोगों के जीवन में किसी भी प्रकार की बाधाएं बनी हुई हैं. उन्हें इस दिन विधि पूर्वक व्रत के नियमों का पालन करते हुए पूजा करनी चाहिए. महाशिवरात्रि पर प्रात: काल अभिषेक करने से लाभ मिलता है. इस दिन भगवान शिव की प्रिय चीजों का अर्पण और भोग लगाना चाहिए. जिन लोगों की कुंडली में शनि, राहु और केतु से निर्मित कोई भी अशुभ योग बना हुआ है, दूर होता है.
Also Read: Mahashivratri Puja 2021 Date, Puja Vidhi: महाशिवरात्रि कल इस मुहूर्त में, व्रत के लिए आज ही जुटा लें ये पूजन सामग्री, पूजन विधि समेत अन्य जानकारियां यहांव्रत विधि – महाशिवरात्रि की सुबह व्रती (व्रत करने वाला) जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद माथे पर भस्म का त्रिपुंड तिलक लगाएं और गले में रुद्राक्ष की माला धारण करें.
इसके बाद समीप स्थित किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग की पूजा करें
श्रृद्धापूर्वक व्रत का संकल्प इस प्रकार लें-
शिवरात्रिव्रतं ह्येतत् करिष्येहं महाफलम्।
निर्विघ्नमस्तु मे चात्र त्वत्प्रसादाज्जगत्पते।।
यह कहकर हाथ में फूल, चावल व जल लेकर उसे शिवलिंग पर अर्पित करते हुए यह श्लोक बोलें-
देवदेव महादेव नीलकण्ठ नमोस्तु ते।
कर्तुमिच्छाम्यहं देव शिवरात्रिव्रतं तव।।
तव प्रसादाद्देवेश निर्विघ्नेन भवेदिति।
कामाद्या: शत्रवो मां वै पीडां कुर्वन्तु नैव हि।।
दूध, दही, शहद, घी, चंदन, शक्कर, गंगाजल, बेलपत्र, कनेर, श्वेतार्क, सफेद आखा, धतूरा, कमलगट्टा, पंचामृत, गुलाब, नील कमल, पान, गुड़, दीपक, अगरबत्ती.
महाशिवरात्रि निशिता काल मुहूर्त
पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि यानि 11 मार्च को प्रात: 12 बजकर 06 मिनट से प्रात: 12 बजकर 55 मिनट तक निशिता काल रहेगा. इसके साथ ही महाशिवरात्रि के व्रत का समापन यानि पारण मुहूर्त 12 मार्च को प्रात: 06 बजकर 34 मिनट से दोपहर 03 बजकर 02 तक बना हुआ है.
शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का सही तरीका
सबसे पहले शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं. इसके बाद पंचामृत चढ़ाएं. फिर दूध, दही, शहद, घी, शक्कर चढ़ा दें और फिर गंगाजल से स्नान कराएं. इसके बाद शिवलिंग में चंदन का लेप, बेलपत्र, कनेर, श्वेतार्क, सफेद आखा, धतूरा, कमलगट्टा, गुलाब, नील कमल, पान आदि चढ़ा दें. जलाभिषेक करते समय भगवान शिव के मंत्र या फिर सिर्फ ‘ऊं नम: शिवाय’ का जाप करते रहें. इसके बाद दीपक, अगरबत्ती जलाकर आरती कर दें. आरती करने के बाद भगवान शिव के सामने अपनी भूल-चूक के लिए माफी भी मांग लें.
Posted By: Shaurya Punj