Maha shivratri 2023, right way of offering belpatra: इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा होती है. धर्म और शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि भगवान शिव की पूजा में उनकी प्रिय चीजों को चढ़ाने से वह खुश हो जाते हैं. भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र सबसे जरूरी चीज मानी जाती है. मान्यता है कि भगवान शिव को जो वस्तुएं सर्वाधिक प्रिय हैं उनमें बेलपत्र का स्थान सबसे ऊपर है. बेलपत्र चढ़ाने में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी माना गया है.
शिव पुराण में बताया गया है कि शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए 5 पत्ते वाला बेलपत्र का मिल जाना सबसे अच्छा होता है. लेकिन यह बहुत ही दुर्लभ होन के कारण आसानी से नहीं मिल पाता है. इसलिए आप 3 पत्र वाला बेलपत्र भी चढ़ा सकते हैं. याद रखें कि तीन पत्ते में यदि एक भी पत्ता टूटा हो तो ऐसा बेलपत्र शिवजी को नहीं चढ़ाना चाहिए.
बेलपत्र चुनते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें किसी भी तरह का दाग-धब्बे या कहीं से कटा-फटा न हो. ऐसे बेलपत्र को दोषपूर्ण माना जाता है. माना जाता है कि वज्र और चक्र बेलपत्र खंडित होते हैं. इन्हें बिल्कुल भी न चढ़ाएं.
शिवपुराण में बेलपत्र शिवलिंग पर कैसे चढ़ाएं, इस बारे में भी बताया गया है. बेलपत्र को उलटकर चिकनी वाली तरफ से शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए. यह भी बताया गया है कि अगर आप अधिक बेलपत्र नहीं जुटा पाए हैं तो एक को भी जल से बार-बार धोकर शिवजी को चढ़ा सकते हैं.
पंचांग के अनुसार इस वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 18 फरवरी दिन शनिवार को 08 बजकर 2 मिनट से हो रहा है. चतुर्दशी तिथि का समापन अगले दिन 19 फरवरी दिन रविवार को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर हो रहा है. महाशिवरात्रि के लिए यह आवश्यक है कि निशिता काल पूजा का शुभ मुहूर्त चतुर्दशी तिथि को ही हो, इस आधार पर महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त 18 फरवरी को प्राप्त हो रहा है, इसलिए महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाई जाएगी.