23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

महाभारत की ये 08 बातें जो सफलता की राह पर आगे बढ़ना सिखाती हैं…

महाभारत को पांचवा वेद माना जाता है. कहा जाता है जो ज्ञान महाभारत में नहीं है, वो ज्ञान संसार में कहीं नहीं है. महाभारत में जीवन से जुड़ी कई बातें हैं जो हमें काम आ सकती है. महाभारत युद्ध के बाद शांति पर्व में भीष्म ने युधिष्ठिर को जो ज्ञान दिया उसे आज भी राजनीति और सामाजिक मामलों का सबसे बेहतर ज्ञान माना जाता है. महाभारत के तीन पर्वों शांति, अनुशासन और वनपर्व से कुछ खास सीख मिलती है जो हर इंसान को जीवन में कभी ना कभी, कहीं ना कहीं काम आ सकती हैं। जानिए ये कौन सी हैं 08 बातें...

महाभारत को पांचवा वेद माना जाता है. कहा जाता है जो ज्ञान महाभारत में नहीं है, वो ज्ञान संसार में कहीं नहीं है. महाभारत में जीवन से जुड़ी कई बातें हैं जो हमें काम आ सकती है. महाभारत युद्ध के बाद शांति पर्व में भीष्म ने युधिष्ठिर को जो ज्ञान दिया उसे आज भी राजनीति और सामाजिक मामलों का सबसे बेहतर ज्ञान माना जाता है. महाभारत के तीन पर्वों शांति, अनुशासन और वनपर्व से कुछ खास सीख मिलती है जो हर इंसान को जीवन में कभी ना कभी, कहीं ना कहीं काम आ सकती हैं। जानिए ये कौन सी हैं 08 बातें…

– झूठ बोलना या झूठ का साथ देना एक ऐसा अज्ञान है, जिसमें डूबे हुए लोग कभी भी सच्चे ज्ञान या सफलता को नहीं पा सकते. – (महाभारत, शांतिपर्व)

– धर्म में अस्था नहीं रखने वाले और सज्जन या ज्ञानी लोगों का मजाक उठाने वाले लोगों का विनाश जल्दी ही हो जाता है. (महाभारत, वनपर्व)

– धरती पर अच्छा ज्ञान या शिक्षा ही स्वर्ग हैं और बुरी आदतें या अज्ञान ही नरक है. सही शिक्षा और ज्ञान ही लोगों को बुरी आदतों से दूर रखता है. – (महाभारत, शांतिपर्व)

– पुण्य कर्म जरूर करना चाहिए, लेकिन उनका दिखावा बिल्कुल भी न करें. जो मनुष्य लोगों के बीच तारीफ पाने के लिए या दिखावे के उद्देश्य से पुण्य कर्म करता है, उसे उसका शुभ फल कभी नहीं मिलता. – (महाभारत, अनुशासनपर्व)

– मोह या लालच से मनुष्य को मृत्यु और सत्य से लंबी आयु और सुखी जीवन मिलता है. – (महाभारत शांतिपर्व)

– जिस काम को करने के पुण्य की प्राप्ति हो या दूसरों का भला हो, उसे करने में देर नहीं करनी चाहिए. जिस पल वे काम करने का विचार मन में आए, उसी पल उसे शुरू कर देना चाहिए. – (महाभारत, शांतिपर्व)

– सभी लोगों के साथ एक सा व्यवहार करने वाला और दूसरे के प्रति मन में दया और प्रेम की भावना रखने वाला मनुष्य जीवन में सभी सुख पाता है. – (महाभारत, वनपर्व)

– अपने मन और इन्द्रियों को वश में रखने वाले मनुष्य को जीवन में किसी भी तरह के कष्ट का सामान नहीं करना पड़ता है. ऐसे मनुष्य के मन में दूसरों का धन देखकर भी जलन जैसी भावनाएं नहीं आती. – (महाभारत, वनपर्व)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें