Mahakumbh 2025 Amrit Snan: प्रयागराज में पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ महाकुंभ का आरंभ हो चुका है. आज पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) आयोजित किया जाएगा. इस अवसर पर नागा साधुओं के अखाड़े अमृत स्नान करेंगे. सबसे पहले नागा साधुओं के 13 अखाड़े इस स्नान में भाग लेंगे.
इस बार का महाकुंभ न केवल भारतीय श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि विदेशी पर्यटकों और भक्तों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, महाकुंभ के दौरान कुल 6 शाही स्नान और 3 अमृत स्नान होंगे, जिसमें पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति के दिन होगा. इसके अतिरिक्त, दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर और तीसरा अमृत स्नान 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन आयोजित किया जाएगा.
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अमृत स्नान में महापुण्यकाल का समय
सूचनाओं के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:27 से 6:21 बजे तक रहेगा. वहीं, महापुण्यकाल सुबह 9:03 से 10:48 बजे तक होगा. इसके अतिरिक्त, पुण्यकाल सुबह 9:03 से शाम 5:46 बजे तक निर्धारित है.
कुंभ मेले में अखाड़ों का महत्व
कुंभ मेले में स्थापित होने वाले अखाड़ों का मुख्य उद्देश्य हिंदू धर्म का प्रचार करना और समाज को धार्मिक दिशा प्रदान करना है. ये अखाड़े समाज में धार्मिक जागरूकता को बढ़ावा देने, साधना, तपस्या और साधु जीवन के महत्व को स्पष्ट करने का कार्य करते हैं. इसके अतिरिक्त, कुंभ मेले के दौरान साधु संत अपनी विशिष्ट परंपराओं के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान भी आयोजित करते हैं.