महाकुंभ 2025 का दूसरा अमृत स्नान आज, जानें इसका महत्व

Mahakumbh 2025 Amrit snan: हिंदू धर्म में अमृत स्नान को अत्यंत महत्वपूर्ण और पुण्यदायक माना जाता है. यह दिन पवित्रता और पुण्य अर्जित करने के लिए विशेष महत्व रखता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमृत स्नान के दिन शुभ मुहूर्त में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

By Gitanjali Mishra | January 29, 2025 12:57 PM

Mahakumbh Amrit snan 2025:महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी 2025 यानी मकर संक्रांति के दिन किया गया.इस दौरान साधु-संतों के साथ देशी और विदेशी श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी घाट में आस्था और श्राद्ध की डुबकी लगाई.इसके बाद भक्त अब दूसरे अमृत स्नान का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.हिंदू धर्म में अमृत स्नान को बड़ा ही महत्वपूर्ण और पुण्यदायक माना जाता है.यह दिन पवित्रता और पुण्य कमाने के लिए बेहद खास मान्यता रखता है.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमृत स्नान के दिन शुभ मुहूर्त में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.साथ ही बैकुंठ की भी प्राप्ति मिलती है.

दूसरा शाही स्नान शुभ मुहूर्त

महाकुंभ 2025 का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी 2025 मौनी अमावस्या के दिन होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7:35 बजे शुभारंभ होगी और 29 जनवरी की शाम 6:05 बजे समर्पण होगी.ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से स्नान 29 जनवरी मौनी अमावस्या के दिन किया जाएगा. इस दिन संगम घाट पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है, इसके बाद तीसरा अमृत स्नान 3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी के दिन किया जाएगा.

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स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म में मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान का बेहद अधिक महत्व है.वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से 6:19 बजे तक रहेगा. ऐसे में इस दौरान स्नान और दान को बेहद शुभ माना गया है.अगर इस समय में स्नान नहीं कर पाएं, तो सूर्योदय से सूर्यास्त तक कभी भी स्नान और दान कर सकते हैं.

अमृत स्नान का महत्व

अमृत स्नान खास दिन, मुहूर्त और ग्रह-नक्षत्र के संयोग में किया जाता है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमृत स्नान करने से एक हजार अश्वमेध यज्ञ करने जैसा पुण्य फल मिलता हैसाथ ही पितरों को तर्पण करने से पितर दोष से मुक्ति मिलती है,इसके साथ ही अमृत स्नान करने से मन की अशुद्धियां दूर होती हैं और बैकुंठ की मोक्ष प्राप्ति होती है, वहीं कुंभ में अमृत स्नान के दिन प्रथम स्नान का अधिकार नागा साधुओं को है, दरअसल, नागा साधुओं को ‘महायोद्धा साधु’ भी कहा जाता है, क्योंकि प्राचीन काल में वे धर्म और समाज की रक्षा के लिए सेना के रूप में कार्य करते थे.

अमृत स्नान का नियम

  • अमृत स्नान के दिन नागा बाबा और अन्य प्रमुख साधु-संतों के बाद ही आम श्रद्धालुओं को श्रद्धा भक्ति से स्नान करना चाहिए.
  • अमृत स्नान के दिन संगम में डुबकी लगाने के बाद भगवान सूर्य देव को अर्घ्य अवश्य दें.
  • अमृत स्नान करने के बाद गरीब और जरूरतमंदों को काला तिल,अन्न, धन, और वस्त्र का दान अवश्य करें.
  • कुंभ स्नान के दौरान गृहस्थ लोग को गंगा में कम से कम 5 बार डुबकी लगाना चाहिए.साथ ही सूर्य मंत्रों का उच्चारण मन मे दोनों जोड़ो को करना चाहिए.
  • अमृत स्नान के दिन महाकुंभ में स्नान करने जा रहे हैं तो स्वच्छता का ध्यान रखें. गंगा जी में स्नान करते समय साबुन, शैंपू का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें.

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