महाकुंभ से जल लेने वाले हो जाएं सतर्क, जानें गंगाजल लाने का सही नियम

Mahakumbh 2025: अभी अनेक लोग महाकुंभ में स्नान करने के लिए गए हैं। महाकुंभ का जल इस समय अमृत के समान माना जा रहा है। इस कारण, कई लोग इस जल को भरकर अपने घर भी ले जा रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है महाकुंभ से जल लाने का सही तरीका क्या है, यहां जानें.

By Shaurya Punj | February 10, 2025 10:03 AM

Mahakumbh 2025: महाकुंभ के अवसर पर गंगा में स्नान करने से यह मान्यता है कि सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी कारण श्रद्धालु संगम स्नान के लिए गंगाजल अपने साथ लाते हैं. गंगाजल का उपयोग पूजा-पाठ और अन्य शुभ कार्यों में आवश्यक होता है. यहां हम आपको महाकुंभ से गंगाजल लाने की सही विधि के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे.

लोग महाकुंभ जाकर बाल्टी भर भर कर जल ला रहे हैं, महाकुम्भ से लाया गया जल केवल पवित्र नहीं होता, बल्कि इसमें अमृत का मिश्रण भी होता है. इस दिव्य जल को घर लाने की सही विधि का अगर हम पालन नहीं करें तो न केवल आप इस जल को अपवित्र कर देंगे, बल्कि इसके प्रभाव को भी कम कर देंगे.

महाकुंभ से गंगाजल लाने वाले हो जाएं सावधान, इस जगह से जल लाना उचित नहीं है

महाकुंभ से जल लाने का एक सही प्रावधान है. गंगाजल अगर किसी नदी से लाना चाहते हैं तो इसके बारे में मतस्यपुराण के खंड बी के 113 श्लोक में लिखा है कि यदि आप किसी पवित्र नदी से लाते हैं, तो जिस पात्र में आप जितना जल ला रहे हैं तो उसी पात्र से उतनी ही दूध उस नदी में अर्पित करना चाहिए. इसके बाद उस पवित्र नदी से आप जल ला सकते हैं.

महाकुंभ से लाए गए जल को रखें सही स्थान पर

महाकुंभ से लाए गए जल को सुरक्षित रखने के लिए उचित स्थान का चयन करें. इसे अपने घर के पूजा स्थल पर रखें और किसी तांबे, चांदी या पीतल के बर्तन में संग्रहित करें. यदि आपके पास पहले से गंगाजल है, तो महाकुंभ का जल उसी बर्तन में मिलाकर रख सकते हैं. जल की पवित्रता बनाए रखने के लिए इसे हमेशा ढंककर रखें. जल को उस स्थान पर रखें जहाँ सकारात्मक ऊर्जा हो और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता हो. इसके अतिरिक्त, इसे घर के उत्तर या पूर्व दिशा में रखना उचित रहेगा. इसे बाथरूम या अशुद्ध स्थानों के निकट नहीं रखना चाहिए. जल का बर्तन खुला न रखें.

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