23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Mahakumbh 2025: इस दिन से शुरू होने जा रहा है महाकुंभ, जानिए कहां होगा पवित्र स्नान का महापर्व

Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला भारत का सबसे विशाल धार्मिक आयोजन है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं. वर्ष 2025 में यह मेला प्रयागराज में आयोजित होने जा रहा है, और इसके लिए तैयारियों का कार्य तेजी से चल रहा है. महाकुंभ मेला हर 12 वर्ष में एक बार आयोजित होता है, और इस अवसर पर तीन पवित्र नदियों के संगम के साथ भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और परंपरा का अद्वितीय मिलन देखने को मिलता है.

Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला, जो हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, 2025 में आयोजित होने जा रहा है. यह मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है, जिसमें भक्तगण पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. महाकुंभ मेला चार प्रमुख तीर्थ स्थलों पर आयोजित होता है- प्रयागराज के संगम, हरिद्वार गंगा नदी के किनारे, उज्जैन शिप्रा नदी के किनारे और नासिक गोदावरी नदी के किनारे.

Budhwaar Aarti 2024: आज बुधवार के दिन करें इस आरती का पाठ, पूरी होगी हर मनोकामना

क्या है महाकुंंभ की धार्मिक मान्यता ?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, महाकुंभ के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और शरीर और आत्मा को शांति मिलती है.

महाकुंभ 2025 कहां होगा?

2025 में महाकुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा. यह मेला हर 12 साल में एक बार होता है और इसे अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है.

महाकुंभ कब होगा?

हिंदू पंचांग के अनुसार, महाकुंभ मेला पौष पूर्णिमा (पौष महीने की पूर्णिमा तिथि) से शुरू होगा और महाशिवरात्रि पर समाप्त होगा. 2025 में यह मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा, जो कुल 45 दिनों का होगा.

महाकुंभ स्थल कैसे तय होते हैं?

महाकुंभ के आयोजन स्थल का निर्धारण आकाशीय ग्रहों की स्थिति के आधार पर किया जाता है, खासकर बृहस्पति और सूर्य के राशि के आधार पर. यह प्रत्येक महाकुंभ के स्थान को निर्धारित करता है.

महाकुंभ 2025: शाही स्नान की तिथियां

13 जनवरी 2025 – पौष पूर्णिमा स्नान
14 जनवरी 2025 – मकर संक्रांति स्नान
29 जनवरी 2025 – मौनी अमावस्या स्नान
3 फरवरी 2025 – बसंत पंचमी स्नान
12 फरवरी 2025 – माघी पूर्णिमा स्नान
26 फरवरी 2025 – महाशिवरात्रि स्नान

हरिद्वार: जब बृहस्पति कुंभ राशि (मकर) में और सूर्य मेष राशि में होते हैं.
उज्जैन: जब सूर्य मेष राशि में और बृहस्पति सिंह राशि में होते हैं.
नासिक: जब सूर्य और बृहस्पति दोनों सिंह राशि में होते हैं.
प्रयागराज: जब बृहस्पति वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं.

यह महाकुंभ मेला न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आस्था का भी एक बड़ा प्रतीक है, जो लाखों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें