MahaKumbh 2025: प्रयागराज संगम पर देश-दुनिया से गृहस्थ लेकर पहुंचने लगे कल्पवासी, देवलोक की अनुभूति करायेंगे ये 30 पैराणिक द्वार
MahaKumbh 2025: महाकुंभ में रेल मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं को अलौकिक अनुभूति प्रदान करने के लिए भारतीय रेलवे ने 'पेट माइ सिटी' अभियान के तहत प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशन को कला और संस्कृति के अद्भुत केंद्रों में परिवर्तित कर दिया है.
MahaKumbh 2025: प्रयागराज में संगम तट पर विश्व की सबसे बड़ी टेंट सिटी लगभग बन कर तैयार हो चुकी है. पांच दिन बाद पौष पूर्णिमा की प्रथम डुबकी के साथ मास पर्यंत जप, तप, ध्यान का मेला शुरू हो जायेगा. इसके लिए देश-दुनिया से विदेश यानी गृहस्थी लेकर संगम तट पर पहुंचने लगे हैं. बांस-बल्ली और पुआल के साथ गृहस्थी लेकर बड़ी संख्या में कल्पवासी शिविर में पहुंच गये हैं. कल्पवासियों का कारवां चलने से पांटून पुलों पर लंबी कतारें लगने लगी हैं.
अमृतमयी पुण्य की डुबकी लगाएंगे लाखों श्रद्धालु
गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर 12 वर्ष बाद दुर्लभ संयोग में लग रहे महाकुंभ में अमृतमयी पुण्य की डुबकी के लिए देशभर से साधु-संतों और कल्पवासियों के आने का क्रम अनवरत जारी है. यहां 13 जनवरी यानी पौष पूर्णिमा पर्व से महाकुंभ की शुरुआत हो जायेगी. प्रथम डुबकी के लिए जहां मेला प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है. वहीं कल्पवासी रेती पर अपनी गृहस्थी सजाने के लिए आतुर हैं. मेला प्रशासन की ओर से इस बार पौष पूर्णिमा पर करीब तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है. इस बार महाकुंभ मैं एक लाख से ज्यादा टेंट लगाये गये हैं. इनकी क्षमता 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं की है. इस बार महाकुंभ मेले में टेंट सिटी बसाने में 68 लाख बल्लियां लगी हैं.
अद्भुत कलाकृतियों से सजे प्रयागराज के रेलवे स्टेशन
महाकुंभ में रेल मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं को अलौकिक अनुभूति प्रदान करने के लिए भारतीय रेलवे ने ‘पेट माइ सिटी’ अभियान के तहत प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशन को कला और संस्कृति के अद्भुत केंद्रों में परिवर्तित कर दिया है. प्रयागराज जंक्शन, नैनी जंक्शन, फाफामऊ, प्रयाग जंक्शन, झूसी रेलवे स्टेशन, रामबाग रेलवे स्टेशन, छिवकी रेलवे स्टेशन, प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन और सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन की दीवारों पर हिंदू पौराणिक कथाओं और भारतीय परंपराओं को चित्रित करने वाली भव्य और आकर्षक कलाकृतियां बनायी गयी है. रामायण, कृष्ण लीला, भगवान बुद्ध, शिव भक्ति, गंगा आरती और महिला सशक्तीकरण जैसे विषयों पर आधारित ये कलाकृतियां श्रद्धालुओं और पर्यटकों का परिचय प्रयागराज की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर से कराती है.
देवलोक की अनुभूति करायेंगे 30 पौराणिक द्वार
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को देवलोक की अनुभूति कराने के लिए मेला क्षेत्र में 30 पौराणिक द्वार बनाये जा रहे हैं. मेला क्षेत्र में कच्छप, समुद्र मंथन और नंदी द्वार बनाये गये हैं. मेला क्षेत्र में प्रवेश करते ही 14 रत्न वाला द्वार श्रद्धालुओं का स्वागत करता दिखायी देगा. इसके बाद नंदी द्वार और भोले भंडारी का डमरू नजर आयेगा, जिसकी लंबाई 100 फुट और ऊंचाई 50 फुट है.
33 लाख लोगों ने खंगाली महाकुंभ की वेबसाइट
महाकुंभ को लेकर दुनियाभर के लोगों में जिज्ञासा है, जिसे शांत करने के लिए लोग इंटरनेट से जानकारी ले रहे हैं. चार जनवरी तक 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा लोगों ने महाकुंभ की वेबसाइट खंगाली है.