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Mahakumbh 2025: प्रयागराज में कल्पवास के लिए उमड़े कल्पवासी, नाबालिग को साध्वी बनाने वाले संत हुए आखाड़े से निष्कासित

Mahakumbh 2025: जप-तप और ध्यान के लिए महाकुंभ नगरी सज गयी है. आज 13 जनवरी दिन सोमवार से मास पर्यंत जप, तप और ध्यान का मेला शुरू हो जाएगा.

Mahakumbh 2025: भव्य और दिव्य महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है. पौष पूर्णिमा के प्रथम स्नान पर्व की डुबकी के साथ ही 13 जनवरी दिन सोमवार से कल्पवास शुरू हो जाएगा. पुण्य की कमाई के लिए संगम की रेती पर गृहस्थी जमाने के लिए देश-विदेश के कोने-कोने से कल्पवासी पहुंचे हैं. पांटून पुलों से लेकर चकर्ड प्लेट के मार्गों तक तिल रखने की जगह नहीं बची है. ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर महीने भर की गृहस्थी लेकर लोग शिविरों में आ गये हैं. कल्पवासी अपनी गृहस्थी सजा रहे हैं. गंगा-यमुना के किनारे के स्नान घाटों से लेकर संगम की सर्कुलेटिंग एरिया में पुआल बिछा दिया गया है.

महाकुंभ मेला में आकर्षण का केंद्र बने रुद्राक्ष बाबा

महाकुंभ में रुद्राक्ष बाबा आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. बाबा का गेटअप श्रद्धालुओं को खास रास आ रहा है. वह 11,000 रुद्राक्ष धारण किये हुए हैं. रुद्राक्ष वाले बाबा के सिर, पांव, हाथ, कमर, गले पर रुद्राक्ष ही नजर आता है. 108 रुद्राक्ष की मालाएं 10,11,151 रुद्राक्ष से बनी हैं. बाबा के सिर पर 101 से अधिक रुद्राक्ष की माला है. इसका वजन करीब 45 किलो है. रुद्राक्ष बाबा के अनुसार, पिछली बार की तुलना में महाकुंभ मेले की व्यवस्था में सुधार हुआ है.

पर्यावरण बाबा महाकुंभ में लगाएंगे 51000 पौधे

महामंडलेश्वर अवधूत बाबा अरुण गिरि (पर्यावरण बाबा) महाकुंभ में पधार चुके हैं. वे यहां पर्यावरण बचाने के अपने अनूठे मिशन के साथ पहुंचे हैं. इस महाकुंभ में 51,000 और पौधे लगाने का लक्ष्य है. वे अब तक एक करोड़ से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं, इसलिए उन्हें पर्यावरण बाबा भी बुलाया जाता है. वे अपने गहनों के लिए भी मशहूर हैं.

नाबालिग को साध्वी बनाने वाले संत जूना अखाड़े से निष्कासित

हाल में जूना अखाड़े में शामिल हुई 13 साल की साध्वी गौरी गिरि और उसके गुरु महंत कौशल गिरि को जूना अखाड़े से सात साल के लिए निष्कासित कर दिया गया. नाबालिग लड़की को अखाड़े में नियम विरुद्ध शामिल करने का मामला सामने आने के बाद अखाड़े की आमसभा की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया. जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि यह बालिका नाबालिग थी और इसका जूना अखाड़े में प्रवेश नियम विरुद्ध था. बालिका को उसके माता-पिता के साथ सम्मान सहित उसके घर भेज दिया गया है. जूना अखाड़े के नियम के मुताबिक, 25 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी लड़कियों को अखाड़े में प्रवेश दिया जाता है. आगरा की रहने वाली 13 वर्षीया राखी सिंह पिछले हफ्ते महाकुंभ आयी थी.

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