Mahakumbh 2025, Mamta Kulkarni Consecrated Mahamandaleshwar: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने संन्यास की दीक्षा ग्रहण की है. उन्हें एक नया नाम दिया गया है. अब ममता कुलकर्णी का नया नाम ‘श्री यमाई ममतानंद गिरि’ है. किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने ममता को यह पदवी दी. दीक्षा के उपरांत, ममता कुलकर्णी ने भगवा वस्त्र धारण कर लिया है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में ममता कुलकर्णी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर के रूप में प्रतिष्ठित हुई हैं. इससे पहले, उन्होंने संगम में अपना पिंडदान किया और फिर अखाड़े में उनका पट्टाभिषेक हुआ. ममता ने पहले ही संन्यास ले लिया था और वे साध्वी के रूप में जीवन व्यतीत कर रही थीं. हाल ही में, वे 24 वर्षों के बाद भारत लौटी हैं.
ममता महामंडलेश्वर कैसे बनीं?
किन्नर अखाड़े द्वारा महामंडलेश्वर की उपाधि की घोषणा के पश्चात, ममता कुलकर्णी ने गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम में स्नान कर अपने पिंडदान का कार्य किया. इसके उपरांत, उन्होंने भगवा वस्त्र धारण किए और वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच उनका दूध से स्नान कराया गया. इस अवसर पर उनकी आंखों में आंसू थे, जैसे वह अपने पूर्व जीवन को हमेशा के लिए अलविदा कह रही हों. अब ममता कुलकर्णी का नया नाम ‘श्री यमाई ममतानंद गिरि’ है. किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने उन्हें यह उपाधि प्रदान की. यह माना जाता है कि किन्नर अखाड़ा उन व्यक्तियों को स्वीकार करता है, जो भौतिक और आध्यात्मिक जीवन के बीच संतुलन स्थापित करना चाहते हैं.
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किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण ने कहा
किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण ने कहा है, “किन्नर अखाड़ा ममता कुलकर्णी (पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री) को महामंडलेश्वर बनाने जा रहा है. उनका नाम श्री यमाई ममता नंदगिरी रखा गया है. जब मैं यहां बात कर रही हूं, तब सभी अनुष्ठान चल रहे हैं. वह पिछले डेढ़ साल से किन्नर अखाड़े और मेरे संपर्क में हैं… अगर वह चाहें तो किसी भी धार्मिक पात्र का किरदार निभा सकती हैं, क्योंकि हम किसी को भी अपनी कला दिखाने से नहीं रोकते…”