महाकुंभ के शाही स्नान पर क्यों हुआ हादसा, जानें क्या थी ग्रहों की स्थिती

Mahakumbh 2025 Stampede: धर्म और आस्था का प्रमुख तीर्थराज प्रयाग में महाकुंभ के दौरान काल शाही स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं के बीच कल संध्या समय कुछ अफवाहों के कारण हड़कंप मच गया. इस अफवाह के चलते लोग इधर-उधर भागने लगे, जिससे कई श्रद्धालु दब गए और कुछ की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. मौनी अमावस्या पर शाही स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं को इस अफवाह ने अत्यधिक परेशान कर दिया. आइए जानते हैं कि ऐसे में ग्रहों की स्थिति कैसी रही.

By Shaurya Punj | January 29, 2025 12:13 PM

Mahakumbh 2025 Stampede: धर्म और आस्था का प्रमुख तीर्थराज प्रयाग में महाकुंभ के दौरान काल शाही स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं में कल संध्या समय कुछ अफवाहों के कारण हड़कंप मच गया. इस अफवाह के चलते लोग इधर-उधर भागने लगे, जिससे कई श्रद्धालु दब गए और कुछ की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. कुंभ मेला ग्रहों की स्थिति के अनुसार आयोजित किया जाता है, जिसमें सूर्य, चंद्र, देवगुरु वृहस्पति का विशेष महत्व होता है. इसे सनातन धर्म का सबसे पवित्र मेला माना जाता है, जो किसी निश्चित दिन या अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नहीं मनाया जाता, बल्कि यह खगोलीय घटनाओं से संबंधित ग्रहों की स्थिति के आधार पर निर्धारित होता है. वर्ष 2025 में 144 वर्षों के बाद महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, और मौनी अमावस्या पर शाही स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं को इस अफवाह ने परेशान कर दिया. आइए जानते हैं कि 28 जनवरी 2025 को ग्रहों की स्थिति कैसी रही.

28 जनवरी 2025 को ग्रहों की स्थिति का विवरण

पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी की रात 07:35 मिनट के बाद अमावस्या का समय था. नक्षत्र पूर्वाषाढा सुबह 08:58 मिनट तक सक्रिय रहा, इसके बाद चंद्रमा उतराषाढा, सूर्य श्रवण नक्षत्र और मकर लग्न में संचरण कर रहा था. चंद्रमा धनु राशि में दोपहर 02:52 मिनट तक रहा, फिर मकर राशि में गोचर किया. मंगल मिथुन राशि में वक्री स्थिति में थे, जबकि बुध और शनि कुम्भ राशि में थे. देवगुरु वृहस्पति वृष राशि में विराजमान थे, और शुक्र तथा राहु मीन राशि में संचरण कर रहे थे, जबकि केतु कन्या राशि में थे.

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28 जनवरी 2025 को शुक्र मीन राशि में प्रवेश

28 जनवरी 2025 को शुक्र मीन राशि में प्रवेश करेगा. इस दिन मीन राशि में पहले से ही राहु उपस्थित है, जिसके साथ शुक्र का युति होना होगा. मीन राशि शुक्र ग्रह की उच्च राशि मानी जाती है, लेकिन इसके स्वामी देवगुरु वृहस्पति हैं. गुरु और शुक्र का एक साथ होना देश और दुनिया के लिए शुभ नहीं माना जाता. मीन राशि में राहु और शुक्र का एक साथ होना अशुभता का संकेत है, क्योंकि राहु एक पाप ग्रह है और छाया ग्रह भी है. इसके प्रभाव से व्यक्ति की स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है और मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं रहती. राहु के कारण अव्यवस्था फैलती है और इसके अशुभ प्रभाव से देश-दुनिया में गलत गतिविधियां बढ़ जाती हैं.

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28 जनवरी 2028 को सूर्य और चंद्रमा की युति

28 जनवरी 2025 को सूर्य मकर राशि में स्थित थे, जबकि चंद्रमा दोपहर के बाद मकर राशि में गोचर कर रहा था. इस स्थिति में सूर्य और चंद्रमा दोनों की स्थिति अनुकूल नहीं मानी जाती है. मकर राशि में चंद्रमा को शुभ नहीं माना जाता है, विशेषकर जब वह शनि की राशि में होता है, जिससे मानसिक स्थिति प्रभावित होती है और स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है. सूर्य अग्नि तत्व का ग्रह है और इसे तीसरे श्रेणी का पाप ग्रह माना जाता है, जबकि चंद्रमा जल तत्व का शुभ ग्रह है. सूर्य और चंद्रमा का एक साथ होना अत्यंत कष्टकारी होता है, क्योंकि यह अमावस्या का योग उत्पन्न करता है, जो देश और दुनिया के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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