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Mahakumbh 2025: पीएम मोदी अमृत स्नान के दिनों को छोड़कर 5 फरवरी को ही क्यों गए प्रयागराज? जानें इस दिन का महत्व

Mahakumbh 2025: सभी के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों PM मोदी ने मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के दिन न जाकर 5 फरवरी के दिन को स्नान के लिए ही क्यों चुना?

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में देश विदेश के बहुत श्रद्धालुओं स्नान कर रहे हैं. महाकुंभ में मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी की तिथि पर स्नान करना बहुत शुभ माना गया है. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी के दिन स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचे. ऐसे में सभी के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर PM मोदी ने मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के दिन न जाकर 5 फरवरी के दिन को स्नान के लिए ही क्यों चुना? लेकिन इसके पीछे भी एक वजह है, जिसे जानकार आप हैरान रह जाएंगे. ऐसे में आइए 5 फरवरी 2025 के तारीख का महत्व के बारे में जानते हैं.

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क्या है 5 फरवरी को?

हिंदू पंचांग के अनुसार, 5 फरवरी का दिन माघ महीने की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि के रूप में मनाया जाता है, जिसे धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही शुभ माना गया है.

इस दिन का धार्मिक महत्व

तपस्या, ध्यान और साधना के लिए यह दिन विशेष रूप से अनुकूल होता है.
जो लोग इस दिन तपस्या, ध्यान और स्नान करते हैं, उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती है.
यह दिन आध्यात्मिक विकास और आत्म-शुद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है.

इस दिन क्या करना चाहिए?

इस दिन तपस्या, ध्यान और साधना करना चाहिए.
स्नान और पूजा-पाठ करना  चाहिए.
धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेना चाहिए.
आध्यात्मिक विकास और आत्म-शुद्धि के लिए प्रयास करना चाहिए.

भीष्माष्टमी

गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि का एक और महत्वपूर्ण पहलू है. यह भीष्माष्टमी के रूप में भी जाना जाता है.  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर महाभारत के महान योद्धा भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्याग दिए थे. महाभारत के अनुसार, भीष्म पितामह ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में सूर्य के उत्तरायण होने और शुक्ल पक्ष की प्रतीक्षा की थी. उन्होंने बाणों की शय्या पर लेटे हुए अपने प्राण त्याग दिए थे. यह घटना माघ मास की अष्टमी तिथि पर हुई थी, जब श्रीकृष्ण उनकी उपस्थिति में थे. भीष्म पितामह की मृत्यु के बाद, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई थी.यह घटना हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है और भीष्माष्टमी के रूप में मनाई जाती है.

इनपुट- शुभ्रा लक्ष्मी

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