Mahakumbh Amrit Snan 2025: महाकुंभ में अमृत स्नान का बहुत अधिक मान्यता है. संगम नगरी में स्नान के लिए दुनिया भर के लोग आते हैं, और साथ ही आस्था की डुबकी लगाते हैं. धार्मिक मान्यताओं की मानें तो महाकुंभ में अमृत स्नान करना पुण्यदायी और की मोक्ष प्राप्ति मिलती है, क्योंकि महाकुंभ सिर्फ एक साधारण पर्व नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक उत्थान का पर्व है.
इस दौरान अमृत स्नान कर शिव की आराधना करना व्यक्ति को महापुण्य का पात्र बनाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि, भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान विष को ग्रहण किया था, उसके बाद ही अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिरी थीं. इन बूंदों के गिरने से ही धरती पर चार स्थानों में कुंभ का मेला लगता है.साथ ही अगर महाकुंभ के अमृत स्नान के बाद महादेव की आराधना व मंत्रों का जाप उसी पवित्र धरा पर किया जाए तो व्यक्ति को हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और ग्रह दोषों से भी मुक्ति प्राप्त होती है.
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कब है, दूसरा अमृत स्नान ?
महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को किया जाएगा. इस दिन मौनी अमावस्या भी पड़ रही है. वैदिक पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7:35 बजे शुरू होकर 29 जनवरी की शाम 6:05 बजे तक समाप्त होगी. लेकिन उदयातिथि के अनुसार मौनी अमावस्या का स्नान 29 जनवरी को शुभ माना जाएगा.
महाकुंभ के अमृत स्नान के दिन करें भगवान शिव के इन मंत्रों का जाप?
महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को किया जाएगा. इस दिन मौनी अमावस्या है और अमावस्या तिथि के दिन शिव पूजन को बेहद शुभ और फलदायक माना जाता है,इस दिन जो लोग महाकुंभ में डुबकी लगाने वाले हैं, उन्हें भी और जो नहीं लगा पा रहे हैं वो भी कुछ मंत्रों का जप करके भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं,इन मंत्रों का जाप कालसर्प दोष को भी दूर करता है.
ॐ नमः शिवाय
ॐ नागदेवताय नमः
ॐ पषुप्ताय नम:
ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:
ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्
ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात्
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
आप मौनी अमावस्या और महाकुंभ के अमृत स्नान वाले दिन, 29 जनवरी को इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं, इनमें से किसी एक मंत्र का जाप भी अगर आप करते हैं तो शुभ फलों की प्राप्ति आपको होती है, वहीं सभी मंत्रों का बारी-बारी जाप भी आप कर सकते हैं.
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क्या हो सकता है? मंत्र जाप का लाभ
महाकुंभ के अमृत स्नान के दिन इन मंत्रों का जप करने से आपको रोग और भय से मुक्ति मिलती है.साथ ही जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है वो भी इस दोष से मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं,इन मंत्रों का जप आपको जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति के मार्ग पर ले जा सकता है, हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि,मंत्र का जप 11 या 108 बार अवश्य करें.डुबकी लगाते समय हाथ जोड़कर भगवान शिव का ध्यान करते हुए आप इन मंत्रों का जाप मन मे कर सकते हैं.वहीं जो लोग महाकुंभ में शामिल नहीं हो पा रहे हैं उन्हें घर के पूजा स्थल के पास बैठकर इन मंत्रों का जाप करना चाहिए.
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