Mahalaya 2024: महालया आज, जानें हिंदू धर्म में इसका क्या है महत्व
Mahalaya 2024: आज 2 अक्टूबर को महालया है. हिंदू भक्तों में इस दिन का खास महत्व होता है. यहां जानें.
Mahalaya 2024: महालया, जिसे सर्व पितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, इस साल आज 2 अक्टूबर को मनाया जा रहा है और यह पितृ पक्ष के अंत का प्रतीक है. यह सभी हिंदू भक्तों के लिए धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण दिन है. बहुत से लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनकी आत्मा को परलोक में खुश करने के लिए तर्पण या श्राद्ध करते हैं. यह भक्तों को यह याद दिलाने का भी काम करता है कि कितना कुछ बदल गया है और कैसे, चाहे आप कहीं भी रहते हों या घर से कितनी भी दूर हों, महालया की ध्वनि हमेशा आपके कानों में गूंजती रहेगी.
महालया का अर्थ
महालया दो शब्दों का संयोजन है, जो संस्कृत से लिया गया है. इसमें ‘महा’ और ‘आलया’ शामिल हैं. ‘महा’ का अर्थ निवास है, जबकि ‘आलया’ का अर्थ देवी का स्थान है. इस प्रकार, महालया का अर्थ है देवी का महान निवास. महालया के दिन मां देवी शिवलोक से धरती पर आती हैं. यह मान्यता है कि इस दिन पितरों की विदाई होती है और मां दुर्गा का आगमन होता है. शास्त्रों के अनुसार, महालया के दिन मां अपने परिवार से विदा लेकर धरती पर आती हैं. इसी दिन मां की मूर्ति की आंखें तैयार की जाती हैं और मां दुर्गा की मूर्ति पूर्ण होती है. इस दिन बंगाल में महालया का आयोजन किया जाता है, जिसमें देवी के गीत और रवींद्रनाथ ठाकुर के संगीत का गायन होता है.
महालया पर क्या है मान्यता ?
महालया दुर्गा पूजा की शुरुआत का संकेत देती है. सामान्यतः, यह धारणा है कि इस दिन देवी दुर्गा कैलाश पर्वत से अपने मायके की ओर यात्रा आरंभ करती हैं, जहाँ वह भगवान शिव के साथ निवास करती हैं. किंवदंतियों के अनुसार, मां दुर्गा अपनी लंबी यात्रा अपने बच्चों – गणेश, कार्तिक, लक्ष्मी और सरस्वती के साथ पृथ्वी पर पहुँचने के लिए अपने पसंदीदा वाहन का उपयोग करती हैं. उनका वाहन पालकी, नाव, हाथी या घोड़ा हो सकता है. यह भी माना जाता है कि उनके वाहन का चयन यह निर्धारित करता है कि मां दुर्गा का आगमन मानवता के लिए संकट लाएगा या समृद्धि.