Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि चारों प्रहर शुभ मुहूर्त, व्रत के नियम और पारण का सही समय जानें

Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि का व्रत कर रहे भक्तों को व्रत का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए सूर्योदय व चतुर्दशी तिथि के अस्त होने के मध्य के समय में ही व्रत का समापन करना चाहिए. जानें शिवरात्रि व्रत के नियम.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2022 6:19 AM
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Maha Shivratri 2022: हिन्दु धर्म में रखे जाने वाले व्रत कठिन होते है, भक्तों को उन्हें पूर्ण करने हेतु श्रद्धा व विश्वास रखकर अपने आराध्य देव से उसके निर्विघ्न पूर्ण होने की कामना करनी चाहिए. यदि आप महाशिवरात्रि व्रत नियम नहीं जानते और यह व्रत रखना चाहते हैं तो जान लें इस व्रत संबंधी संपूर्ण नियम.

MahaShivratri fast Rules : शिवरात्रि के एक दिन पहले, मतलब त्रयोदशी तिथि के दिन, व्रती को केवल एक समय ही भोजन ग्रहण करना चाहिए. शिवरात्रि के दिन, सुबह नित्य कर्म करने के पश्चात्, भक्त गणों को पूरे दिन के व्रत का संकल्प लेना चाहिए. संकल्प के दौरान, भक्तों को मन ही मन अपनी प्रतिज्ञा दोहरानी चाहिए और भगवान शिव से व्रत को निर्विघ्न रूप से पूर्ण करने हेतु आशीर्वाद मांगना चाहिए.

महाशिवरात्रि व्रत नियम ( MahaShivratri fast Rules)

  • शिवरात्रि के दिन भक्तों को सन्ध्याकाल स्नान करने के पश्चात् ही पूजा करनी चाहिए या मंदिर जाना चाहिए.

  • शिव भगवान की पूजा रात्रि के समय करना चाहिए एवं अगले दिन स्नानादि के पश्चात् अपना व्रत का पारण करना चाहिए.

  • व्रत का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए भक्तों को सूर्योदय व चतुर्दशी तिथि के अस्त होने के मध्य के समय में ही व्रत का समापन करना चाहिए.

  • लेकिन, एक अन्य धारणा के अनुसार, व्रत के समापन का सही समय चतुर्दशी तिथि के पश्चात् का बताया गया है.

  • दोनों ही अवधारणा परस्पर विरोधी हैं. लेकिन, ऐसा माना जाता है की, शिव पूजा और पारण (व्रत का समापन), दोनों ही चतुर्दशी तिथि अस्त होने से पहले करना चाहिए.

  • रात्रि के चारों प्रहर में की जा सकती है शिव पूजा

  • शिवरात्रि पूजा रात्रि के समय एक बार या चार बार की जा सकती है. रात्रि के चार प्रहर होते हैं, और हर प्रहर में शिव पूजा की जा सकती है.

महाशिवरात्रि 4 प्रहर पूजा मुहूर्त, पारण का समय

महाशिवरात्रि मंगलवार, मार्च 1, 2022 को निशिता काल पूजा समय – 12:08 सुबह से 12:58 सुबह, मार्च 02

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – 06:21 शाम से 09:27 रात्रि

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – 09:27 रात्रि से 12:33 सुबह मार्च 02

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 12:33 सुबह से 03:39 सुबह, मार्च 02

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 03:39 सुबह से 06:45 सुबह, मार्च 02

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – मार्च 01, 2022 को 03:16 सुबह बजे

चतुर्दशी तिथि समाप्त – मार्च 02, 2022 को 01:00 सुबह बजे

2 मार्च को, शिवरात्रि पारण समय – 06:45 सुबह, मार्च 02

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शिव मंत्र

1. शिव मोला मंत्र

ॐ नमः शिवाय॥

2. महा मृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

3. रूद्र गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि

तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

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