Mahashivratri 2022: रुद्राक्ष पहनने से पूरी होती है मनोकामना, महाशिवरात्रि पर राशि अनुसार पहनें रुद्राक्ष

Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि का उत्सव, व्रत 1 मार्च को रखा जा रहा है. इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. जीवन में अपने मन का सबकुछ पाने की इच्छा रखने वालों को शिवरात्रि के दिन विधि-विधान से रुद्राक्ष धारण करने से फायदा मिलता है. जानें आपकी राशि अनुसार कैसा रुद्राक्ष पहनना होता है सही.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2022 6:28 AM
an image

Mahashivratri 2022: फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि भव्य रूप में मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने पर शिव भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है. ज्योतिष और धार्मिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन विधि-विधान के साथ रूद्राक्ष (Rudraksha) धारण करने वालों पर पूरे साल शिव की कृपा बरसती रहती है. ऐसे में यदि आप जीवन में भरपूर सफलता की इच्छा रखते हैं तो आप भी इस महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर भगवान शिव का प्रिय और महाप्रसाद माने जाने वाले रुद्राक्ष को विधि-विधान से धारण जरूर करें.

रोग, भय दूर करता है रुद्राक्ष

ऐसी मान्यता है कि शिव का प्रिय माने जाने वाले रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के सभी रोग, शोक और भय दूर होते हैं और उसे जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि रुद्राक्ष में भी किसी व्यक्ति के दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने में शक्ति होती है. रुद्राक्ष से शरीर को शक्ति मिलती है. यह रोगों से लड़ने और स्वास्थ्य में तेजी से सुधार करने में लाभदायक होता है. आयुर्वेद की मानें तो रुद्राक्ष शरीर को मजबूती प्रदान करता है. ये रक्त की अशुद्धियों को दूर करता है.

रुद्राक्ष जीवन से नकारात्मकता दूर करने में सहायक

रुद्राक्ष को आध्यात्मिक मनका भी कहा जाता है. प्राचीन काल से आध्यात्मिक शक्ति, आत्मविश्वास, साहस को बढ़ाने और सकारात्मक दृष्टिकोण प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है.

राशि अनुसार जानें किस तरह का रुद्राक्ष (Rudraksha) धारण करना है शुभ

मेष राशि – एक, तीन मुखी या पांच मुखी रुद्राक्ष

वृष राशि – चार, छह या चौदह मुखी रुद्राक्ष

मिथुन राशि– चार, पांच या तेरह मुखी रुद्राक्ष

कर्क राशि – तीन, पांच या गौरी-शंकर रुद्राक्ष

सिंह राशि – एक, तीन या पांच मुखी रुद्राक्ष

कन्या राशि – चार, पांच या तेरह मुखी रुद्राक्ष

तुला राशि– चार, छह या चौदह मुखी रुद्राक्ष

वृश्चिक राशि – तीन, पांच या गौरी-शंकर रुद्राक्ष

धनु राशि – एक, तीन या पांच मुखी रुद्राक्ष

मकर राशि – चार, छह या चौदह मुखी रुद्राक्ष

कुंभ राशि – चार, छह या चौदह मुखी रुद्राक्ष

मीन राशि – तीन, पांच या गौरी-शंकर रुद्राक्ष

भगवान शिव की आंसुओं से विकसित हुआ था रुद्राक्ष

प्राचीन परंपरा और शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष को भगवान शिव (Lord Shiva) की आंखों से विकसित हुआ माना जाता है, इसलिए इसे रुद्राक्ष कहा गया. रुद्र का अर्थ है शिव और अक्ष का अर्थ है आंख. शिव पुराण के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति को भगवान शिव के आंसू से हुआ. इसमें कहा गया है कि लोगों के कल्याण के लिए कई वर्षों तक जब ध्यान करने के बाद भगवान शिव ने अपनी आंखें खोलीं, तो आंसुओं की बूंदें गिरीं और धरती से रुद्राक्ष के पेड़ों जन्म हुआ. जानें रुद्राक्ष धारण करने के क्या फायदे हैं. इससे हेत संबंधी किस तरह की परेशानी को दूर करने में सहायता मिलती है.

Exit mobile version