Mahashivratri 2024: चार शुभ संयोग में मनाई जाएगी महाशिवरात्रि, शिव भक्तों की मनोकामनाएं होंगी पूरी

Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि की निशिता पूजा मुहूर्त के समय सिद्ध योग होगा और महाशिवरात्रि व्रत के पारण के समय भी सिद्ध योग है. इस योग के स्वामी गणेश जी हैं, जो शुभता और सफलता प्रदान करते हैं. वे विघ्न और बाधाओं को दूर करने वाले हैं.

By Shaurya Punj | February 21, 2024 3:16 PM
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Mahashivratri 2024: इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च (शुक्रवार) को है. महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को होती है. इसे फाल्गुन मासिक शिवरात्रि भी कहते हैं. इस बार महाशिवरात्रि पर 4 शुभ संयोग बनने वाले हैं. महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र और शिव योग के साथ मकर राशि का चंद्रमा होगा. इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्ध योग भी बनेगा. इन चार शुभ संयोग में महाशिवरात्रि की पूजा शिव भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने वाली है.

ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग में आप जो कार्य करेंगे, उस कार्य की सिद्धि होगी यानी सफलता की प्राप्ति होगी. अगर सर्वार्थ सिद्धि योग शुक्रवार या गुरुवार के दिन बनता है तो उस दिन कोई भी तिथि हो, उसके प्रभाव का क्षय नहीं होता है. सर्वार्थ सिद्धि योग में महाशिवरात्रि की पूजा आपके मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अच्छा है.

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शुभ योगों में से एक शिव योग

शिव योग शुभ योगों में से एक है. शिव योग में साधना, मंत्र जाप आदि के लिए अच्छा होता है. महाशिवरात्रि के दिन बना शिव योग आपको शुभ फल प्रदान करने वाला है.

महाशिवरात्रि की निशिता पूजा मुहूर्त के समय सिद्ध योग होगा और महाशिवरात्रि व्रत के पारण के समय भी सिद्ध योग है. इस योग के स्वामी गणेश जी हैं, जो शुभता और सफलता प्रदान करते हैं. वे विघ्न और बाधाओं को दूर करने वाले हैं. इस योग में किये गये कार्य सफल होते हैं. किसी भी कार्य में सिद्धि के लिए इस योग को प्राथमिकता देते हैं. महाशिवरात्रि पर आप इस योग में जिस भी मनोकामना से शिव पूजा करेंगे, वह पूर्ण हो सकती है.

इस योग में कार्य सफल होते हैं

इस नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं और वे भगवान शिव के परम भक्त हैं. इस नक्षत्र में जो भी कार्य किये जाते हैं, वे सामान्यतया शुभ माने जाते हैं. जो लोग श्रवण नक्षत्र में जन्म लेते हैं, वे धनी, सुखी और प्रसिद्ध होते हैं. शनिवार के दिन श्रवण नक्षत्र अतिशुभ माना जाता है.

फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की शुरूआत: 8 मार्च रात 9:57 बजे से फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की समाप्ति: 9 मार्च शाम 06:17 पर महाशिवरात्रि निशिता पूजा मुहूर्त: देर रात में 12:07 से 12:56 तक दिन में महाशिवरात्रि की पूजा का समय: ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:01 से प्रारंभ. सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 6:38 बजे से सुबह 10:41 बजे तक.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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