Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि साल भर में एक ही बार मनाई जाती है. फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए इस पर्व को शिव और पार्वती के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. शिव पुराण के अनुसार चौदस का व्रत करने से भगवान शिव की कृपा से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. महाशिवरात्रि का पर्व इस साल 8 मार्च 2024 दिन शुक्रवार को रखा जाएगा. शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक पर्व है, इस दिन महादेव की उपासना से व्यक्ति को जीवन में सम्पूर्ण सुख प्राप्त होता है.
महाशिवरात्रि पूजा विधि
- महाशिवरात्रि के दिन सुबह स्नान कर निवृत्त हो जाएं.
- इसके बाद भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करें और व्रत का संकल्प लें.
- पूजा करते समय याद रखें कि आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए.
- चारों प्रहर की पूजा में शिवपंचाक्षर मंत्र यानी ऊं नम: शिवाय का जाप करें.
- महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, फूल, मिठाई, मीठा पान, इत्र आदि अर्पित करें.
- फिर ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें.
महाशिवरात्रि पर पूजन सामग्री
महाशिवरात्रि की पूजा में बेलपत्र, भांग, धतूरा, गाय का कच्चा दूध, चंदन, रोली, कपूर, केसर, दही, घी, मौली, अक्षत (चावल), शहद, शक्कर, पांव प्रकार के मौसमी फल, गंगा जल, जनेऊ, वस्त्र, इत्र, कनेर पुष्प, फूलों की माला, खस, शमी का पत्र, लौंग, सुपारी, पान, रत्न, आभूषण, परिमल द्रव्य, इलायची, धूप, शुद्ध जल, कलश इत्यादि पूजन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है.
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भगवान शिव को धतूरा जरूर अर्पित करें
महाशिवरात्रि वाले दिन अगर आप शिवलिंग की पूजा करते हैं या जलाभिषेक करते हैं, तो भगवान शिव को धतूरा जरूर चढ़ाएं. शिवलिंग पूजन में धतूरा चढ़ाने से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं, इस दिन धतूरा चढ़ाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और मन को शांति प्राप्त होती है.
महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक का विशेष महत्व
- महाशिवरात्रि पर जल से रुद्राभिषेक करने पर वृष्टि होती है.
- महाशिवरात्रि पर कुशा जल से अभिषेक करने पर रोग दुख से छुटकारा मिलता है.
- दही से अभिषेक करने पर पशुवाहन तथा भवन की प्राप्ती होती है.
- गन्ने के रस से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है.
- मधु युक्त जल से धन की वृद्धि होती है.