Loading election data...

Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं ये पांच चीजें, विवाह के बनेंगे योग

Mahashivratri 2024: फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन के रूप में मनाया जाता है.

By Radheshyam Kushwaha | March 5, 2024 4:30 PM

Mahashivratri 2024: सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व है. हर माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत और चतुर्दशी तिथि पर शिवरात्रि पड़ती है, इस दिन भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए शिवलिंग पर भांग, धतूरा और बेलपत्र अर्पित करने का विधान है, लेकिन फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन के रूप में मनाया जाता है, इस दिन कुछ चीजें शिवलिंग पर अर्पित करने पर धन लाभ और विवाह के योग बनते है.

शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाना चाहिए?

शिवलिंग पर हमेशा बैठकर ही जल चढ़ाना चाहिए. जल को तांबे के लोटे से ही चढ़ाएं. ध्यान रहे कि शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय जल धारा उत्तर की ओर प्रवाहित हो और स्वयं दक्षिण दिशा की ओर रहें. जलाभिषेक के समय इस बात का भी ध्यान रहे कि दक्षिण दिशा की ओर होने पर मुख उत्तर की ओर ही होना चाहिए.

काला तिल

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शिवलिंग पर काला तिल चढ़ाने से व्यक्ति हर प्रकार की समस्या से छुटकारा पा सकता है. शिवलिंग पर काला तिल अर्पित करने पर शनि की साढ़े साती और शनि दोष से छुटकारा मिलता है. यदि आपकी कुंडली में शनि की साढ़े साती चल रही है तो आप इसके प्रभाव को कम करने के लिए तिल के तेल का दीपक अवश्य जलाएं.

बेलपत्र

बेलपत्र को त्रिदेव का शक्ति पुंज कहा जाता है. बेलपत्र चढ़ाने से दरिद्रता मिटती है, इसके साथ ही बेलपत्र शिवजी के ऊपर चढ़ाने से आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है. भगवान शिव की पूजा भांग, धतूरा और बेलपत्र के बिना अधूरा माना जाता है. भगवान शिव को हमेशा उल्टा बेलपत्र चढ़ाने का विधान है.

Falgun Amavasya 2024: फाल्गुन अमावस्या का दिन पितृ पूजन के लिए श्रेष्ठ, जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

भांग-धतूरा

शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग पर भांग और धतूरा चढ़ाने की एक खास कथा है. धार्मिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब विष का प्याला भी निकला था, जिसे किसी ने नहीं ग्रहण किया. उस समय देव और दानव भगवान शिव के पास वो विष का प्याला ले कर गए थे. भगवान शिव ने उस विष के प्याले को पी गया. शिव जी ने सृष्टि की रक्षा करने के लिए उस विष को अपने गले में उतार लिया था. विष के प्याले को धारण करने के बाद भगवान शिव अचेत हो गए थे. विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी ने शिव जी के सिर पर भांग व धतूरा रख दिया था. उसी समय से शिवलिंग पर भांग-धतूरा चढ़ाने की परंपरा की शुरुआत हो गई.

शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें

महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र,पुष्प धतूरा, दूध और गंगाजल चढ़ाने से भगवान शंकर जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर जल चढ़ाने से विवाह में आने वाली अड़चने दूर होती हैं. वहीं वैवाहिक जीवन जीने वाले लोगों का जीवन सुख और शांति से बीतता है.

Next Article

Exit mobile version