21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मकर संक्रांति के दिन करें ये काम, जीवन में मिलेगी अपार सफलता

Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति का त्योहार पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है. यह पर्व भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे लोहड़ी, उत्तरायण, खिचड़ी, टिहरी, पोंगल आदि. इस दिन से खरमास समाप्त होता है और शुभ एवं मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश आदि की शुरुआत होती है.

Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति का पर्व सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है. इस दिन सूर्य देव दक्षिण गोलार्द्ध से उत्तर गोलार्द्ध में प्रवेश करते हैं.इन दिन सूर्य देवता की पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों का खास महत्व है.यह त्योहार खगोलशास्त्र, आध्यात्मिकता और परंपराओं का एक अद्भुत मिश्रण है, जिसे न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में मनाया जाता है. इस साल, मकर संक्रांति 14 जनवरी, मंगलवार को मनाई जाएगी. यह दिन उस समय का प्रतीक है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और यह खगोलीय दृष्टिकोण से साथ ही धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है.

मकर संक्रांति और भीष्म पितामह का संबंध

महाभारत की कथा में मकर संक्रांति का विशेष आध्यात्मिक महत्व है. भीष्म पितामह, जिन्हें अपनी मृत्यु का समय चुनने का वरदान मिला था, सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश करने का इंतजार कर रहे थे. उत्तरायण को वह समय माना जाता है जब मुक्ति प्राप्त की जा सकती है. शास्त्रों में कहा गया है कि जो कोई इस समय में अपनी जान गंवाता है, वह जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है, जबकि दक्षिणायन में मृत्यु होने पर व्यक्ति पुनर्जन्म के चक्र में बंध जाता है.

मकर संक्रांति पर करें इन चीजों का दान, किन चीजों का करें परहेज 

मकर संक्रांति और उत्तरायण का महत्व

मकर संक्रांति सूर्य के खगोलीय स्थान के परिवर्तन का दिन है. जब सूर्य मकर रेखा को पार कर उत्तरायन की दिशा में बढ़ता है, तो इसे उत्तरायण कहा जाता है.इस समय दिन बड़े होते हैं और रातें छोटी होती हैं. वेदिक परंपराओं के अनुसार, उत्तरायण का समय देवों का दिन माना जाता है, जबकि दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा जाता है. इस समय को देवायण और पितृायण भी कहा जाता है. उत्तरायण के दौरान किए गए अच्छे कर्मों के असीम लाभ मिलते हैं.

मकर संक्रांति पर क्या करें?

मकर संक्रांति एक पवित्र और शुभ दिन होता है, जिस दिन कई विशेष धार्मिक कार्य किए जाते हैं.यदि आप इस दिन कुछ खास कर्म करेंगे, तो आपको अपार पुण्य मिलेगा.

पवित्र स्नान: मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है.यदि नदी में स्नान करना संभव नहीं हो तो घर में गंगाजल या शुद्ध पानी से स्नान करें और तिल डालें.

सूर्य को जल अर्पित करें: एक तांबे के बर्तन में पानी भरकर उसमें लाल फूल और तिल डालें, फिर इस मिश्रण को सूर्य देव को अर्पित करें.इससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है.

तिल और गुड़ का दान: मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का सेवन और दान करने से विशेष पुण्य मिलता है. यह दान कड़वाहट को मीठे में बदलने का प्रतीक है.

सूर्य को खिचड़ी अर्पित करें: इस दिन सूर्य देव को खिचड़ी और तिल-गुड़ का प्रसाद अर्पित करना शुभ माना जाता है, फिर उसे दूसरों में बांटें.

मंत्र जाप करें: “ॐ सूर्याय नमः” या “ॐ नमो भगवते सूर्याय” का जाप करें. इससे आपके जीवन में शांति और खुशहाली आएगी.

दान-पुण्य करें: इस दिन गरीबों को भोजन, कपड़े और धन दान करना अत्यधिक पुण्यदायक होता है.मकर संक्रांति पर दान देने से विशेष आध्यात्मिक लाभ होता है.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हेैं.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें