Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति का त्योहार पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इसे खिचड़ी और उत्तरायण जैसे नामों से भी जाना जाता है. इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी. इस दिन गंगा स्नान करने के साथ-साथ दान और सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है. यह पर्व सूर्य देव को समर्पित है. इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है.
सूर्य कवच (Surya Kavach)
श्री सूर्य ध्यानम्
रक्तांबुजासनमशेषगुणैकसिन्धुं
भानुं समस्तजगतामधिपं भजामि।
पद्मद्वयाभयवरान् दधतं कराब्जैः
माणिक्यमौलिमरुणाङ्गरुचिं त्रिनेत्रम्॥
आज मनाई जा रही है मकर संक्रांति, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व
श्री सूर्य प्रणामः
जपाकुसुमसङ्काशं काश्यपेयं महाद्युतिम्।
ध्वान्तारिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम् ॥
याज्ञवल्क्य उवाच
श्रुणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम्।
शरीरारोग्यदं दिव्यं सर्व सौभाग्यदायकम्॥
दैदिप्यमानं मुकुटं स्फुरन्मकरकुण्डलम्।
ध्यात्वा सहस्रकिरणं स्तोत्रमेतदुदीरयेत्॥
आज मनाई जा रही है मकर संक्रांति, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व
शिरो मे भास्करः पातु ललाटे मे अमितद्दुतिः।
नेत्रे दिनमणिः पातु श्रवणे वासरेश्वरः॥
घ्राणं धर्मधृणिः पातु वदनं वेदवाहनः।
जिह्वां मे मानदः पातु कंठं मे सुरवंदितः॥
स्कंधौ प्रभाकरं पातु वक्षः पातु जनप्रियः।
पातु पादौ द्वादशात्मा सर्वागं सकलेश्वरः॥
सूर्य रक्षात्मक स्तोत्र
सूर्यरक्षात्मकं स्तोत्रं लिखित्वा भूर्जपत्रके।
दधाति यः करे तस्य वशगाः सर्वसिद्धयः॥
सुस्नातो यो जपेत्सम्यक् योधीतें स्वस्थ मानसः।
स रोगमुक्तो दीर्घायुः सुखं पुष्टिं च विंदति॥
इति श्री माद्याज्ञवल्क्यमुनिविरचितं सूर्यकवचस्तोत्रं संपूर्णं