22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Mangalik Yog: कुंडली के चौथे भाव में है मंगल और मांगलिक योग, तो होता है ये प्रभाव

Mangalik Yog is present in your horoscope: ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति कहा गया है. इसे उग्र ग्रह माना गया है. कुंडली में मंगल की दशा यदि खराब हो तो इससे मंगल दोष होता है और व्यक्ति को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

Mangalik Yog: जन्म कुंडली में मांगलिक की नाम सुनकर लोग डर जाते है क्या मैं मांगलिक हू? मुझे जीवन में कोई कठिनाई तो नहीं होगा ऐसे कई बात होता है जो वयोक्ति के दिमाग से सोचना आरम्भ कर देता है लेकिन मै आपको जन्मकुंडली के चौथे भाव के मंगल के प्रभाव को लेकर बताया है आइए जानते है ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्र के अनुसार मंगलिक दोष कब बनते है तथा चौथे भाव में मंगल का प्रभाव कैसा रहता है. जन्मकुंडली में मंगल पहला भाव चौथा भाव ,सातवा भाव, आठवा भाव ,तथा द्वादश भाव में मंगल हो तब वयोक्ति मंगल दोष से प्रभावित होता है. आपके जन्म कुंडली के चौथे भाव में मंगल के प्रभाव के बारे बता रहे है चतुर्थ भाव में मंगल होने से ज्यादा अशुभ प्रभाव ही देते है ऐसे वयोक्ति झगड़ालू स्वभाव के होते है समाज में सम्मान नहीं मिल पाता है वह सदेव अपने भले पुरे के बारे में ही विचार करता रहता है.केवल अपने संघर्षरत रहने से लोग उसे पागल भी समझने लगते है लेकिन चौथे भाव के मंगल रहने के कारण वयोक्ति बहुत ही साहसी होता है लेकिन माता पिता से विरोध चलता है जिसके कारण आगे चलकर वयोक्ति अपने माता पिता से वैमनस्य हो जाते है.

चौथे भाव में मंगल का शुभ सम्बन्ध का प्रभाव

चौथे भाव में मंगल रहने से वायोक्ति मांगलिक होते है इनका विवाह मंगलिक के साथ हो तो जीवन में निरंतर आगे बढ़ते जाते है साथ ही माता के प्रति श्रद्धा होता है लेकिन माँ का स्वभाव थोडा कड़वा होता है जिसे वयोक्ति मनोमालिन्य होता रहता है. मंगल सावगृही या उच्य का हो तो वयोक्ति उत्तम वाहन की प्राप्ति होती है तथा उसे अपने जीवन में हमेशा सुख का अनुभव करते है .संतान को लेकर वयोक्ति हमेशा दुखी रहता है जिसे द्विभार्या योग बनता है .

Bhaum Pradosh 2024: ज्येष्ठ माह में मंगल प्रदोष व्रत का विशेष योग, 4 जून को रखें भौम प्रदोष व्रत

जन्म कुंडली में मंगल किन राशि को कैसा लाभ तथा हानि देते है

चौथे भाव का मंगल जन्म भूमि का लाभ देता है .चौथे भाव का मंगल अगर मेष ,कर्क ,सिंह, और मीन लगन को छोड़कर व्यक्ति का अभ्युदय जन्मभूमि से अन्य स्थान पर होता है ऐसे व्यक्ति अपना उन्नति के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है है.तथा प्रवास अधिक होते है.
मेष, सिंह तथा धनु राशि के मंगल हो तो घर में आग लगने का भय बना रहता है.पशु की चोरी होती है.
मिथुन ,कर्क , तुला ,वृश्चिक राशि का मंगल हो व्यक्ति को बुढ़ापे में जन्म स्थान का सुख प्राप्त होता है लेकिन मृत्यु बाहर होती है.
यदि मंगल नीच का हो या अष्टमेश से युक्त होकर सुख भाव में बैठे हो ऐसे व्यक्ति को माता का सुख प्राप्त नहीं हो पाता है.
चौथे भाव का मंगल नीच का माना जाता है इसे उपाय से ठीक किया जा सकता है.स्त्री माता सास की मृत्यु का कारण बन जाता है.
उपाय
प्रत्येक दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें
मूंगा रत्न 6 रति का मंगलवार को दाहिने हाथ के अनामिका उंगली में धारण करे
भगवान शंकर का अभिषेक करे लाभ होगा .

जन्मकुंडली से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

चौथे भाव में मंगल के दोष को दूर करने के उपाय क्या हैं?

हनुमान चालीसा का पाठ, मूंगा रत्न धारण करना, और भगवान शंकर का अभिषेक करने से लाभ हो सकता है.

मंगलिक दोष कब बनता है?

मंगलिक दोष तब बनता है जब जन्म कुंडली में मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें, या द्वादश भाव में स्थित होता है.

चौथे भाव में मंगल का क्या प्रभाव होता है?

चौथे भाव में मंगल होने पर व्यक्ति झगड़ालू स्वभाव का होता है, समाज में उसे सम्मान नहीं मिलता, और माता-पिता के साथ वैमनस्य रहता है.

क्या चौथे भाव में मंगल शुभ प्रभाव भी देता है?

हां, यदि मंगल सावगृही या उच्च का हो तो व्यक्ति को उत्तम वाहन, सुख और जीवन में उन्नति प्राप्त होती है.

क्या चौथे भाव का मंगल जन्मभूमि से जुड़ा लाभ देता है?

चौथे भाव का मंगल जन्मभूमि से लाभ देता है, लेकिन मेष, कर्क, सिंह और मीन लग्न को छोड़कर व्यक्ति को प्रवास करना पड़ता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें