प्रेग्नेंसी के दौरान इन मंत्रों का करें जाप, संतान पर पड़ेगा सकारात्मक असर
Mantra Benefits for Pregnant Women: धर्म शास्त्रों में ऐसे विशिष्ट मंत्रों का वर्णन किया गया है, जो बच्चों को भाग्यशाली बनाने में सहायक होते हैं. आइए जानते हैं कि इन मंत्रों का जप कब और किस प्रकार करना चाहिए.
Mantra Benefits for Pregnant Women: गर्भवती महिलाओं की हमेशा यह इच्छा होती है कि उनकी आने वाली संतान सुंदर, संस्कारयुक्त, स्वस्थ और भाग्यशाली हो. वे चाहती हैं कि उनके बच्चे को जीवन में अपार सफलता मिले, और उसकी जिंदगी में समस्याएं कम तथा खुशियों की भरपूरता अधिक हो. हर माता-पिता जन्म से पहले अपने बच्चे के लिए ऐसी अनेक आकांक्षाएं रखते हैं.
शास्त्रों में उल्लेखित है कि गर्भवती महिला जो 9 महीने तक विभिन्न कार्य करती है, उसका प्रभाव उसके बच्चे पर पड़ता है. धर्म ग्रंथों में यह भी कहा गया है कि गर्भावस्था के दौरान स्त्रियों को मंत्रों का जाप करना चाहिए, जिससे संतान गुणवान, भाग्यशाली और स्वस्थ होती है.
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इन मंत्रों का उच्चारण करें
गायत्री महामंत्र
गर्भवती महिलाओं के लिए यह अत्यंत लाभकारी है कि वे हर दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करें. यदि स्नान संभव न हो, तो कोई समस्या नहीं है. बिस्तर पर बैठकर अपने गर्भ पर हाथ रखकर सूर्योदय से 10 मिनट पहले 51 बार और सूर्यास्त के 10 मिनट बाद 51 बार गायत्री महामंत्र का उच्चारण करें. गायत्री मंत्र का जाप करते समय सूर्य देवता के तेज का ध्यान रखें और यह भावना रखें कि आपके गर्भ में जो संतान है, वह जन्म के बाद दिव्य, तेजस्वी, बुद्धिमान, चतुर, निरोगी, समाज में प्रिय, यशस्वी और दीर्घजीवी होगी. इस प्रक्रिया को गर्भधारण के तीसरे महीने से लेकर शिशु के जन्म तक जारी रखना चाहिए.
रक्ष रक्ष गणाध्यक्षः रक्ष त्रैलोक्य नायकः। भक्त नाभयं कर्ता त्राताभव भवार्णवात।।
गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी के नौ महीने तक प्रतिदिन गणेश जी के समक्ष इस मंत्र का जाप करना चाहिए.मंत्र की संख्या 108 रखी जानी चाहिए. जब डिलीवरी का समय निकट हो, तब इसकी संख्या को बढ़ा देना चाहिए.
ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।
यदि आप गुणकारी और स्वस्थ संतान की इच्छा रखते हैं, तो प्रेग्नेंसी के दौरान इस मंत्र का प्रतिदिन एक माला जाप करें. मान्यता है कि इससे कृष्ण के समान संतान की प्राप्ति होती है.