Amavasya 2023: पूर्वजों की स्मृति में दान की सर्वश्रेष्ठ तिथि है अमावसया, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Amavasya 2023: पितृ-देवताओं की स्मृति में दान की सर्वश्रेष्ठ तिथि हर माह की अमावस्या तिथि बतायी गयी है. अमावस्या तिथि पर दान करने से व्यक्ति सुख-समृद्धि का भागी बनता है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 9, 2023 8:15 AM

Margashirsha Amavasya 2023: मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर 2023, मंगलवार को है. ये साल की आखिरी भौमवती अमावस्या होगी. पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी और 13 दिसंबर 2023 को सुबह 05 बजकर 01 मिनट पर इसका समापन होगा.वहीं स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 14 मिनट से सुबह 06 बजकर 09 मिनट तक है. पितृ पूजा के लिए दोपहर 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है.

दान की सर्वश्रेष्ठ तिथि

पितृ-देवताओं की स्मृति में दान की सर्वश्रेष्ठ तिथि हर माह की अमावस्या तिथि बतायी गयी है. अमावस्या तिथि पर दान करने से व्यक्ति सुख-समृद्धि का भागी बनता है. धर्मशास्त्रों में दान की महिमा तमाम पूजा-उपासना से ऊपर बतायी गयी है. इस साल की आखिरी अमावस्या मंगलवार (12 दिसंबर) को होने की वजह से यह भौमवती अमावस्या कहलायेगी. इस दिन आपको पितरों के साथ ही बजरंगबली की पूजा भी करनी चाहिए, जिससे आपके आर्थिक कष्ट भी दूर होते हैं.

दान करते समय सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए

दान की महत्ता देखकर दान करते समय सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए, भले दान न दिया जा सके, लेकिन दान के लिए सही पात्र का ही चयन अवश्य किया जाना चाहिए, दान में सर्वश्रेष्ठ आत्मबल का दान माना गया है. किन्ही कारणों से दीन-हीन की मदद करके उसमें आत्म-विश्वास पैदा कर देना सर्वोत्तम दान होता है. वहीं अगर दान से कोई अकर्मण्य और आलसी हो रहा हो, तो ऐसे व्यक्ति को दान कदापि नहीं देना चाहिए, माना गया है कि अगर दान के धन से कोई नशा, अपराध तथा नकारात्मक काम करता है, तो उसका दोष देने वाले के भी खाते में आयेगा. अतः दान देने के लिए दानकर्ता को कुछ प्रमुख बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए, जिससे दान देना सार्थक हो.

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दान का ढिढोरा पीटना अधम दान

  • धार्मिक स्थल या धर्मशाला बनाने के नाम पर धन लेने वाले की गतिविधियों को जानने का प्रयास करते रहना चाहिए.

  • दान के दुरुपयोग पर कड़ा प्रतिरोध करना चाहिए, वरना नकारात्मकता बढ़ती जायेगी.

  • दुर्भिक्ष, महामारी तथा किसी भी आपदा से ग्रस्त व्यक्ति के हितार्थ दान नहीं, बल्कि मदद करें.

  • पीड़ित को ढांढस बंधाते समय ‘मेरे लायक कोई मदद हो तो बताना’ नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि स्वाभिमानी आपसे मदद बोल नहीं पायेगा.

  • वास्तव में पीड़ित व्यक्ति द्वारा बिना मांगे मदद उत्तम, मांगने पर देना मध्यम तथा देने के पहले जलील कर देना अधम दान है.

  • वास्तविक व्यक्ति को दान में दी गयी मदद को वापस लेना अधम काम माना गया है.

  • दान का ढिढोरा पीटना अधम दान होता है.

दान करने से पहले जानें जरूरी बातें

  • बायें हाथ को खबर न लगे कि दाहिने हाथ ने

  • दान दिया है, यही उत्तम दान है.

  • सामर्थ्य होते हुए किसी वास्तविक सत्कार्य में दान से इनकार या कृपणता खुद को निरीह होने का सर्टिफिकेट देना है.

  • तीज-त्योहार, श्राद्ध कर्म आदि अवसरों पर बच्चों तथा पढ़ने वाले जरूरतमंद को खोजकर दान देना उत्तम कार्य है.

  • भाजा-भांजी, बहन-बहनोई, दामाद, माता- पिता, गुरु यदि अभाव में है, तो विलासिता का जीवन जीना दुर्भाग्य को आमंत्रित करना है.

  • अमावस्या तिथि पर पूर्वजों की स्मृति में दान करने वाला कभी अभाव में नहीं रहता और जीवन में परास्त नहीं होता.

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