Marriage Astrology: किन ग्रहों के कारण शादी में आती हैं रुकावटें, जानें क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र…
Marriage Astrology: हर माता पिता अपने बच्चों की शादी करने के लिए अच्छा वर-वधू की तलाश करता है. चिंता तब बढ़ जाती है जब लड़का-लड़की शादी योग्य हो जाते है और उनका विवाह नहीं हो पा रहा हो तो इसका कारण कुंडली दोष माना जाता है. कुंडली में कई ऐसे ग्रह होते हैं जो शादी विवाह के मामलों में बाधा उत्पन्न करते है.
Marriage Astrology: हर माता पिता अपने बच्चों की शादी करने के लिए अच्छा वर-वधू की तलाश करता है. चिंता तब बढ़ जाती है जब लड़का-लड़की शादी योग्य हो जाते है और उनका विवाह नहीं हो पा रहा हो तो इसका कारण कुंडली दोष माना जाता है. कुंडली में कई ऐसे ग्रह होते हैं जो शादी विवाह के मामलों में बाधा उत्पन्न करते है. आइए जानते है कि किन ग्रहों के कारण लड़कों-लड़कियों की शादी विवाह में आती है रुकावटें…
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कुंडली में सप्तम भाव की दशा या फिर अन्तर्दशा, सातवें भाव में स्थित ग्रहों की दशा या अन्तर्दशा या सातवें भाव को देखने वाले ग्रहों की दशा या अन्तर्दशा हो या छठे घर से संबंधित कोई दशा या अन्तर्दशा चल रही हो तो विवाह में विलम्ब होता है. ज्योतिष के अनुसार कुंडली में छठा तथा दसवां घर विवाह में रुकावटें उत्पन्न करता है. शनि सातवें घर में हो तब भी विवाह में विलंब होता है.
वहीं, मंगल, राहू तथा केतु यदि सातवें घर में हो तो भी शादी में देर होती है. शनि, मंगल, शनि राहू, मंगल राहू, या शनि सूर्य या सूर्य मंगल, सूर्य राहू, एकसाथ सातवें घर या आठवें घर में हो तो भी विवाह में अड़चन आती है. मांगलिक होना भी विवाह में देरी का कारण है. सप्तम भाव विवाह का कारक भाव होता है इस पर शुभ ग्रहों तथा गुरु शुक्र की दृष्टि हो तो शादी जल्दी होती है. गुरु सातवें घर में हो तो शादी 25 की उम्र तक हो जाती है. लेकिन अगर गुरु पर सूर्य या मंगल का प्रभाव हो तो शादी में एक साल या डेढ़ साल का विलम्ब हो सकता है. यदि राहू या शनि का प्रभाव हो तो 2 से 3 साल तक का विलम्ब हो जाता है.
शादी में आ रही रुकावटें को दूर करने के उपाय
अगर आपकी विवाह में विलम्ब हो रहा है, तो आपको पारद शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए. विवाह योग्य लड़के-लड़कियों की शादी में बाधाएं आ रही हैं तो उन्हें गणेश जी की पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए. इसके साथ ही शीघ्र विवाह के लिए भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की गुरुवार के दिन पूजा करनी चाहिए.
विवाह में बाधाएं उत्पन्न करने वाले ग्रह गुरु, शनि और मंगल के उपाय भी जरूर करें. शुक्र सप्तम हो और उस पर मंगल, सूर्य का प्रभाव हो तो शादी में दो तीन साल का विलम्ब होता है, इसी तरह शुक्र पर शनि का प्रभाव होने पर एक साल और राहू का प्रभाव होने पर शादी में दो साल का विलम्ब होता है. शिवजी के साथ ही माता पार्वती की भी पूजा करें. मां पार्वती को सुहाग का सामान चढ़ाएं. इससे विवाह से जुड़ी बाधाएं दूर हो सकती हैं.
Posted by: Radheshyam Kushwaha