Marriage Muhurat 2021: खरमास खत्म होने के बाद भी मांगलिक कार्यों पर अभी रोक, जानें वजह और कब शुरू होगा विवाह का शुभ दिन
Marriage Muhurat 2021: मकर संक्रांति के बाद विवाह का शुभ दिन शुरू होता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. खरमास खत्म होने के बाद भी विवाह के लिए शुभ दिन अभी शुरू नहीं होगा. अभी शादियों के लिए और लंबे समय इंतजार करना होगा. सूर्य देव को मकर राशि में आते है खरमास खत्म हो जाता है. 14 जनवरी दिन गुरुवार को सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश किये है. अब 19 जनवरी को देव गुरु बृहस्पति भी अस्त हो जाएंगे.
Marriage Muhurat 2021: मकर संक्रांति के बाद विवाह का शुभ दिन शुरू होता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. खरमास खत्म होने के बाद भी विवाह के लिए शुभ दिन अभी शुरू नहीं होगा. अभी शादियों के लिए और लंबे समय इंतजार करना होगा. सूर्य देव को मकर राशि में आते है खरमास खत्म हो जाता है. 14 जनवरी दिन गुरुवार को सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश किये है. अब 19 जनवरी को देव गुरु बृहस्पति भी अस्त हो जाएंगे. जिससे शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत नहीं हो पाएगी. देव गुरु 16 फरवरी तक अस्त रहेगे. देव गुरु के उदय होते ही शुक्र अस्त हो जाएंगे. इसके बाद 17 अप्रैल को उदय होंगे. शुक्र के उदय होने के बाद मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो पाएगी. इस बीच 16 फरवरी को वसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त मानते हुए कई जगह विवाह किए जाएंगे.
बृहस्पति अस्त
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, बृहस्पति ग्रह जब सूर्य के आगे या पीछे लगभग 11 डिग्री पर होता है तो अस्त माना जाता है. चूंकि देव गुरु बृहस्पति धर्म और मांगलिक कार्यों का कारक ग्रह है. इसलिए जब गुरु अस्त हो जाते है तो सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. इस बार 19 जनवरी से 16 फरवरी तक देव गुरु अस्त रहेंगे. इसलिए 28 दिनों तक विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं रहेंगे. हर साल देव गुरु बृहस्पति लगभग 1 महीने तक अस्त रहते है.
शुक्र देव अस्त
देव गुरु के उदय के बाद शुक्र ग्रह भी अस्त हो जाएंगे. शुक्र ग्रह का अस्त होना महत्वपूर्ण घटना है. हर साल शुक्र देव अस्त होते है, क्योंकि ये सूर्य के बहुत करीब आ जाते है. इसलिए इसे अस्त या लोप होना भी कहा जाता है. 16 फरवरी को शुक्र ग्रह मकर राशि में अस्त हो जाएंगे. इसके बाद 17 अप्रैल की सुबह उदय होंगे.
शुक्र अस्त होने के दौरान शुभ काम नहीं किए जाते हैं. मान्यता है कि शुक्र के अस्त होने से मौसम में अचानक बदलाव होने की संभावना बनती है. इन 61 दिनों में सूर्य से शुक्र की दूरी 10 डिग्री से भी कम रहेगी. इसी को शुक्र का अस्त होना कहा जाता है. अस्त होने पर शुक्र का प्रभाव कम हो जाएगा. इस साल शुक्र देव 61 दिनों के लिए अस्त हो रहे है.
वसंत पंचमी
देवी सरस्वती के प्राकट्योत्सव को ही वसंत पंचमी पर्व मनाया जाता है. ये पर्व 16 फरवरी को रहेगा. प्राचीन काल में इसी दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती थी. इसलिए इस दिन को ही अबूझ मुहूर्त माना जाता है. इस दिन देवी सरस्वती की पूजा के साथ ही शादी, खरीदी, वास्तु पूजा आदि मांगलिक काम भी किए जा सकते हैं. इस दिन नए काम की शुरुआत करना भी बहुत शुभ माना जाता है. इसलिए नींव पूजन, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, नवीन व्यापार प्रारंभ और मांगलिक काम किए जाते है. इस बार गुरु और शुक्र के अस्त होने के बावजूद कई जगहों पर वसंत पंचमी पर शादियां और अन्य मांगलिक काम किए जाएंगे.
20 अप्रैल के बाद शादियां फिर से होंगी शुरू
अप्रैल 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30.
मई 02, 03, 07, 08,12, 13, 17, 20, 21, 22, 24, 26, 27,28, 29, 30
जून 03, 04, 11, 16, 17, 18, 19,20, 22, 23, 25, 26, 27
जुलाई 01, 02, 06, 12, 13, 14, 15, 16
मैथिली पंचांग
अप्रैल 16, 23, 25, 26, 30
मई 04, 06, 10, 11, 20, 21, 24, 25, 27, 28
जून 04, 06, 10, 11, 20, 21, 24,25, 27, 28
जुलाई 01, 04, 07,14, 15
नवंबर 19, 21, 22, 24
दिसंबर 01, 02, 05, 08, 09, 10, 13.
Posted by: Radheshyam Kushwaha