दुर्गाष्टमी हर महीने आती है इसलिए इसे मासिक दुर्गाष्टमी कहते हैं.आज वैशाख मास की दुर्गा अष्टमी है.इस दिन मां दुर्गा की उपासना की जाएगी.आज के दिन व्रत और पूजा का विशेष महत्व है.ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूरे विधि विधान से अगर भक्त मां की उपासना करते हैं तो मां अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उनपर कृपा करती हैं.
दुर्गाष्टमी पूजा विधि :
– आज के दिन सुबह स्नानादि कर घर के हर कोने को गंगाजल से शुद्ध कर लें.साथ ही पूजास्थल पर भी गंगाजल छिड़क लें.
– घर के पूजास्थल पर माता की प्रतिमा रखें.
– पूजा स्थल पर लकड़ी के पाट के ऊपर लाल वस्त्र बिछाएं और मां को उसपर स्थान दें.
– माता को अक्षत ,सिंदूर,और लाल पुष्प अर्पित करें.प्रसाद के रूप में कुछ फल और मिठाई चढ़ाएं
– धूप और दीप जलाकर मां दुर्गा का पाठ करें.
– आज दुर्गासप्तशती का पाठ करें मां इससे प्रसन्न होंगी.
– विधिपूर्वक पूजा सम्पन्न कर माता की आरती करें.
दुर्गा अष्टमी की कहानी:
हिन्दू मान्य शास्त्रों के अनुसार, काफी पहले पृथ्वी पर असुरों की शक्ति बढ़ गई थी और वे स्वर्ग पर चढ़ाई शुरू कर चुके थे.इनमें सबसे बलशाली असुर महिषासुर था.उसके कुकृत्यों से बचने के लिए भगवान ब्रह्मा विष्णु और महेश ने शक्ति स्वरूपा देवी दुर्गा को बनाया.और हर देवता ने देवी दुर्गा को अलग शस्त्र दिया. इसके बाद देवी ने असुरों का संहार किया और महिषासुर का वध किया.उसी दिन से दुर्गा अष्टमी का त्योहार प्रारंभ हुआ.