Masik Durgashtami 2025: हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का उत्सव मनाया जाता है. इस वर्ष यह पर्व 7 जनवरी 2025 को मनाया जा रहा है. इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत का आयोजन किया जाता है. मान्यता है कि मां दुर्गा की आराधना से आय, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है और उनकी कृपा सदैव अपने भक्तों पर बनी रहती है. इस दिन पूजा के समय नवदुर्गा स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए, जिससे मां दुर्गा अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखती हैं और संकटों का निवारण होता है.
नवदुर्गा स्तोत्रम्
देवी शैलपुत्री
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढाम् शूलधरांशैलपुत्री यशस्विनीम्॥1॥
देवी ब्रह्मचारिणी
दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥2॥
देवी चन्द्रघण्टा
पिण्डजप्रवरारूढाचन्दकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥3॥
देवी कूष्माण्डा
सुरासम्पूर्णकलशं रक्तिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्याम् कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥4॥
देवी स्कन्दमाता
सिंहासनगता नित्यम् पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥5॥
देवी कात्यायनी
चन्द्रहासोज्ज्वलकराशार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्यादेवी दानवघातिनी॥6॥
देवी कालरात्रि
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णीतैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णाकालरात्रिर्भयङ्करी॥7॥
देवी महागौरी
श्र्वेते वृषे समारूढाश्र्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥8॥
देवी सिद्धिदात्रि
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात्सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥9॥
॥ इति श्री नवदुर्गा स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥