Masik Shivaratri 2021: कब है मासिक शिवरात्रि, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत नियम
Masik Shivaratri 2021: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है. मासिक शिवरात्रि प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस बार वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि (मासिक शिवरात्रि) 9 मई 2021 दिन रविवार को पड़ रही है.
Masik Shivaratri 2021: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है. मासिक शिवरात्रि प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस बार वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि (मासिक शिवरात्रि) 9 मई 2021 दिन रविवार को पड़ रही है. मासिक शिवरात्रि एक साल में कुल 12 आती हैं. भगवान शिव की पूजा आराधना करने के लिए यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है. मान्यता है कि हर माह मासिक शिवरात्रि रात को साधक या उपासक भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते है. आइए जानते हैं कि मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…
शिवरात्रि पर बन रहे हैं ये शुभ योग
इस बार मासिक शिवरात्रि के दिन प्रीति व आयुष्मान योग बन रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र में ये दोनों ही योग बहुत ही शुभ माने जाते हैं. इस योग में किए गया कोई भी कार्य सफल होता है. 09 मई 2021 की रात 08 बजकर 43 मिनट तक प्रीति योग रहेगा. इसके बाद आयुष्मान योग आरंभ हो जाएगा.
मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
वैशाख कृष्ण चतुर्दशी आरंभ- 09 मई दिन रविवार की शाम 07 बजकर 30 मिनट से
वैशाख कृष्ण चतुर्दशी समाप्त- 10 मई दिन सोमवार की रात 09 बजकर 55 मिनट पर
शिवरात्रि पूजा सामग्री
भगवान शिव की पूजा के लिए सुगंधित पुष्प, बिल्वपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, शुद्ध देशी घी, दही, शहद, गंगा जल, बेर, जौ, गाय का कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, रूई, चंदन, इत्र, पंच फल, पंच मेवा, मौली, जनेऊ, पंच रस, गंध रोली, पंच मिष्ठान्न, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री, दक्षिणा, चांदी, पूजा के बर्तन और आसन आदि.
शिवरात्रि व्रत पूजा विधि
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मासिक शिवरात्रि का पूजा त्रयोदशी तिथि यानि एक दिन पहले से ही शुरू हो जाता है.
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त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा आराधना करें.
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इसके बाद मासिक शिवरात्रि व्रत का संकल्प लें.
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चतुर्दशी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद धूप दीप जलाएं.
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पंचामृत और गंगाजल से शिव जी का अभिषेक करें.
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शिव जी के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर बिल्वपत्र, भांग और धतूरा अर्पित करें.
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शिव जी का स्मरण करते हुए पूरे दिन निराहार रहकर शिवरात्रि का व्रत करें.
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रात्रि के चारों पहर में शिव जी की पूजा करें और अगले दिन प्रातः जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और दान दक्षिणा दें. इसके बाद अपने व्रत का पारण करें.
मासिक शिवरात्रि का महत्व
पौराणिक ग्रंथों में मासिक शिवरात्रि के महत्त्व का कई उल्लेख मिलता है. इस व्रत को करने से विवाह की बाधाएं दूर होती हैं. वहीं, वैवाहिक जीवन की समस्याओं से भी निजात मिलती है. शिवरात्रि पर भगवान शिव की विधिवत पूजा-अर्चना करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
Posted by: Radheshyam Kushwaha