Masik Shivratri 2024: आज है मासिक शिवरात्रि, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Masik Shivratri 2024: हिंदू धर्म में शिवरात्रि का व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, जो विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है. आश्विन माह की शिवरात्रि का व्रत आज, अर्थात 30 सितंबर 2024 को आयोजित किया जा रहा है.

By Shaurya Punj | September 30, 2024 6:00 AM
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Masik Shivratri 2024: हिंदू धर्म में शिवरात्रि का व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, जो विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है. यह दिन भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की इच्छाएं पूर्ण होती हैं. इस बार मासिक शिवरात्रि का व्रत पितृ पक्ष के दिनों में आ रहा है. इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को उनकी कृपा के साथ-साथ पूर्वजों का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा. आश्विन माह की शिवरात्रि का व्रत आज यानी 30 सितंबर 2024 को रखा जा रहा है.

मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

आश्विन मास में मासिक शिवरात्रि का व्रत 30 सितंबर 2024 को आयोजित किया जाएगा. वैदिक पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 30 सितंबर को शाम 07 बजकर 06 मिनट से प्रारंभ होगी और इसका समापन 1 अक्टूबर 2024 को रात 09 बजकर 39 मिनट पर होगा. इस प्रकार, उदयातिथि के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का व्रत 30 सितंबर को ही मनाया जाएगा.

मासिक शिवरात्रि पूजा की विधि

शिवरात्रि के अवसर पर सबसे पहले पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें. शिवलिंग को एक स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें और उसे गंगाजल से स्नान कराएं. इसके पश्चात, शिवलिंग का अभिषेक दूध, दही, शहद, गंगाजल और अन्य पंचामृत से करें. भगवान शिव की पूजा में शिवलिंग को बेलपत्र, धतूरा, भांग, फूल आदि अर्पित करना आवश्यक है. इसके बाद, शिवलिंग के समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करें. धूपबत्ती जलाकर शिवलिंग को धूप अर्पित करें. शिवलिंग को सफेद मिठाई का भोग लगाएं. अंत में, भगवान शिव की आराधना करते हुए शिव मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ नमः शिवाय” और “महामृत्युंजय मंत्र”. अंत में, शिव चालीसा और आरती का पाठ करें.

मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व

मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. यह विश्वास किया जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अतिरिक्त, भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है.

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