Mauni Amavasya 2025 remedies: माघ मास में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. यह मकर संक्रांति के पश्चात् आने वाली पहली अमावस्या होती है, इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है. हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है. पितृ दोष की शांति के लिए मौनी अमावस्या का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. मौनी अमावस्या पर किए गए कुछ उपायों से कालसर्प और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है, यहां जानें
मौनी अमावस्या पर नाग दोष की शांति के उपाय
मौनी अमावस्या के दिन नाग दोष की शांति के लिए पीपल के वृक्ष की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है. इस दिन पीपल के सात पत्ते लेकर उन पर काजल से नाग की आकृति बनानी चाहिए. इसके बाद इनका विधिपूर्वक पूजन करें. सभी पत्तों के समक्ष मिट्टी के दीपक रखें और उनमें कच्चा दूध भरें. इसके पश्चात नाग स्तोत्र का पाठ करें.
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मौनी अमावस्या पर पितृ दोष की शांति के उपाय
यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष की समस्या है, तो मौनी अमावस्या के दिन किसी योग्य पंडित की सहायता से पितरों के नाम तर्पण और श्राद्ध कराना आवश्यक है. साथ ही, ब्राह्मणों को भोजन कराना भी महत्वपूर्ण है. इसके अतिरिक्त, पितृ सूक्त का पाठ करने से पितृ दोष से पूर्ण रूप से मुक्ति मिलती है.
कब है मौनी अमावस्या
इस वर्ष मौनी अमावस्या 29 जनवरी, बुधवार को मनाई जाएगी. इस दिन मौन व्रत धारण कर स्नान करना आवश्यक है. भक्तगण इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और पूरे दिन मौन रहकर उपवास रखते हैं. इस अवसर पर भगवान विष्णु के साथ पीपल के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है.