मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान, जानें इसका महत्व

Mauni Amavasya 2025: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या को अत्यंत शुभ माना जाता है. इस वर्ष मौनी अमावस्या की तिथि पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं. इसके अतिरिक्त, मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान भी होगा. इस अवसर पर जो श्रद्धालु संगम में स्नान करने जा रहे हैं, उन्हें इस दिन कुछ विशेष उपाय अवश्य करने चाहिए.

By Shaurya Punj | January 23, 2025 12:25 PM

Mauni Amavasya 2025: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या के दिन होने वाले इस स्नान का विशेष अधिक महत्व है, महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान का इंतजार है.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ के अमृत स्नान को अत्यंत पवित्र और कल्याणकारी माना गया है,इस दिन चंद्रमा और सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जबकि गुरु वृषभ राशि में स्थित रहेंगे, जिससे इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है,महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन होगा, जिसे अत्यधिक पुण्यदायक और माना जाता है.

अमृत स्नान का महत्व : पौराणिक पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ मौनी अमावस्या के दिन किये गए स्नान को अमृत स्नान कहा जाता है, साथ ही अमृत स्नान के समय जो भी श्रद्धालु गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते है, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति मिलती है, इसके साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि आती है, इसलिए महाकुंभ में अमृत स्नान का विशेष महत्व है.

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दूसरा अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त

महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7:35 बजे आरंभ होकर 29 जनवरी की शाम 6:05 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के आधार पर मौनी अमावस्या का स्नान 29 जनवरी को होगा,यदि इस समय पर कोई स्नान,दान नहीं कर पाता है तो वह सूर्योदय से सूर्यास्त तक किसी भी समय पर स्नान दान कर सकता है,इस दिन संगम पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं के एकत्र होने की संभावना है,साथ ही ध्यान रखें की मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान करते समय मौन स्थिति मे डुबकी लगाएं.

क्यों है मौनी अमावस्या का महत्व

इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि पितर इस दिन धरती पर आते हैं,कुंभ मे स्नान करने,वहीं श्रद्धालुओं को इस दिन संगम में स्नान के साथ पितरों का तर्पण और दान भी करना चाहिए,जिसे पितर दोष से मुक्ति मिलती है, साथ ही ग्रहों की स्थिति के अनुसार तय की गई अमृत स्नान की तिथियां अत्यंत शुभ और मोक्ष प्राप्त पुण्य मानी जाती हैं,मौनी अमावस्या पर स्नान से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है,महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान श्रद्धा, विश्वास,आस्था और धार्मिकता से परिपूर्ण एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो सभी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का मार्ग को प्रभावित करता है.

महाकुंभ 2025 अमृत स्नान तिथियां

  • महाकुंभ 2025 अमृत स्नान तिथियां.
  • पौष पूर्णिमा: 13 जनवरी 2025
  • मकर संक्रांति: 14 जनवरी 2025
  • मौनी अमावस्या: 29 जनवरी 2025
  • बसंत पंचमी: 3 फरवरी 2025
  • माघ पूर्णिमा: 12 फरवरी 2025
  • महाशिवरात्रि: 26 फरवरी 2025

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