Mohini Ekadashi 2024: इन चीजों के बिना अधूरी है मोहिनी एकादशी की पूजा, अभी नोट करें सामग्री लिस्ट

Mohini Ekadashi 2024: वैशाख मास भगवान विष्णु को समर्पित है. इस महिने में पड़ने वाली एकादशी तिथि का बहुत ही अधिक महत्व है. आइए जानते है मोहिनी एकादशी की पूजा, अभी नोट करें सामग्री लिस्टं

By Radheshyam Kushwaha | September 23, 2024 3:20 PM
an image

Mohini Ekadashi 2024: भगवान विष्णु जी को एकादशी तिथि बहुत प्रिय है. हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को व्रत किया जाता है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 19 मई को है. इस दिन मोहिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी. ताकत के बल पर देवता असुरों को हरा नहीं सकते थे, इसलिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धर कर असुरों को माया के जाल में फंसाकर सारा अमृत देवताओं को पिला दिया, जिससे देवता अमर हो गये. इस कारण इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा गया. इस व्रत को विधि-विधान के साथ करने से मनुष्य संसार के मोह माया से निकल जाता है और उत्तम लोक में स्थान पाता है. मोहिनी एकादशी की पूजा थाली में विशेष चीजों को शामिल करने से पूजा सफल होती है और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. आइए जानते हैं मोहिनी एकादशी की पूजा थाली में किन- किन चीजों को शामिल करना चाहिए.

मोहिनी एकादशी पूजा सामग्री लिस्ट
गंगाजल , चौकी, सुपारी, तुलसी दल, नारियल, चंदन, पीला कपड़ा, आम के पत्ते, कुमकुम, फूल, मिठाई, अक्षत, लौंग, पंचमेवा, धूप, दीप, फल भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा आदि.

मोहिनी एकादशी 2024 की तिथि, शुभ मुहूर्त और पारण का समय

पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 18 मई, 2024 सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इसका समापन अगले दिन 19 मई, 2024 दोपहर 01 बजकर 50 मिनट पर होगा. सनातन धर्म में उदया तिथि को ही अधिक महत्व दिया जाता है. ऐसे में मोहिनी एकादशी का व्रत 19 मई, 2024 को किया जाएगा. मोहिनी एकादशी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 19 मई को सुबह 7 बजकर 10 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. मोहिनी एकादशी का पारण 20 मई को सुबह 5 बजकर 28 मिनट से सुबह 8 बजकर 12 मिनट के बीच किया जाएगा.

मोहिनी एकादशी पूजन विधि

इस दिन लोग पूरे दिन अन्न का एक दाना खाए बिना ही व्रत का पालन करते हैं. उपवास एक दिन पहले दशमी से ही शुरू हो जाता है. इस दिन उपवास रखने वाले सूर्यास्त से पहले एक बार ‘सात्विक’भोजन करते है. एकादशी पर पूर्ण उपवास होता है जो द्वादशी तिथि को पारण तक जारी रहता है. ऐसा माना जाता है कि मोहिनी एकादशी व्रत के अगले दिन दूध पीना चाहिए. मोहिनी एकादशी व्रत का पालन करने वाले को सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए. तिल और कुश से जल्दी स्नान करना चाहिए.उसे दशमी की रात को जमीन (फर्श) पर सोना चाहिए. श्रद्धालु दिन भर अपने आराध्य देवी-देवता की पूजा-अर्चना करते हैं और रात भर भजन गाते हैं और श्रीकृष्ण की स्तुति में मंत्रों का उच्चारण करते हैं.कुछ लोग स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण उपवास के सख्त नियमों का पालन नहीं कर सकते हैं, वे मोहिनी एकादशी पर आंशिक उपवास या व्रत का पालन कर सकते हैं. फलाहार खाने की अनुमति है. मोहिनी एकादशी के दिन चावल और सभी प्रकार के अनाज का सेवन करना मना है. इस दिन विशेष ‘मंडप’भगवान विष्णु की मूर्तियों के साथ तैयार किया जाता हैं. भक्त भगवान की चंदन, तिल, रंग-बिरंगे फूलों और फलों से पूजा करते हैं. तुलसी के पत्ते चढ़ाना बहुत ही लाभदायक होता है.

Also Read: Vaishakh Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और स्नान दान का महत्व

मोहिनी एकादशी का महत्व

ऐसी है कि यदि कोई व्यक्ति मोहिनी एकादशी व्रत को पूरी निष्ठा के साथ करता है, तो उसे तीर्थ यात्रा करने, दान देने या यज्ञ करने से भी अधिक पुण्य प्राप्त होता है. व्रत का पालन करने वाले को एक हजार गायों का दान करने के सामान पुण्य की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने वाले को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है और मोक्ष प्राप्त होता है. मोहिनी एकादशी का हिंदू पौराणिक कथाओं में बहुत महत्व ह

पूजा के दौरान इस मंत्र का करें जाप

  • शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
  • विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
  • लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
  • वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥

ज्योतिष संबंधित चुनिंदा सवालों के जवाब प्रकाशित किए जाएंगे
यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न radheshyam.kushwaha@prabhatkhabar.in या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.

मोहिनी एकादशी व्रत का पारण कब होगा?

मोहिनी एकादशी व्रत का पारण 20 मई, 2024 को सुबह 5:28 से 8:12 बजे के बीच किया जाएगा.

मोहिनी एकादशी व्रत कब है?

मोहिनी एकादशी 2024 में 19 मई को मनाई जाएगी. यह वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है.

मोहिनी एकादशी का महत्व क्या है?

इस व्रत को विधि-विधान से करने पर व्यक्ति संसार के मोह माया से मुक्त होता है और उत्तम लोक में स्थान पाता है. इसे करने से तीर्थ यात्रा, यज्ञ, और दान से भी अधिक पुण्य प्राप्त होता है.

मोहिनी एकादशी व्रत की पूजा सामग्री में क्या शामिल होता है?

पूजा सामग्री में गंगाजल, सुपारी, तुलसी दल, नारियल, चंदन, पीला कपड़ा, आम के पत्ते, कुमकुम, फूल, मिठाई, अक्षत, पंचमेवा, धूप, दीप, फल और भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की प्रतिमा शामिल हैं.

मोहिनी एकादशी व्रत कैसे किया जाता है?

इस दिन लोग पूरे दिन बिना अन्न के उपवास रखते हैं. दशमी तिथि पर एक बार सात्विक भोजन करके व्रत शुरू किया जाता है. एकादशी पर उपवास रखा जाता है, जो द्वादशी तिथि के पारण तक चलता है. पूजा-अर्चना के साथ भजन-कीर्तन और श्रीकृष्ण की स्तुति की जाती है.

Exit mobile version