15.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Narak Chaturdashi 2024: इस दिन मनाया जाएगा नरक चतुर्दशी, इस दिशा में रखें यम का दीपक

Narak Chaturdashi 2024: दिवाली से पूर्व नरक चतुर्दशी का अत्यधिक महत्व है.इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी जाना जाता है. आइए जानते हैं कि इस वर्ष नरक चतुर्दशी कब मनाई जाएगी और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या होगा.

Narak Chaturdashi 2024: दीपावली महापर्व की तैयारी शुरू हो चुकी हैं. दिवाली से पूर्व यम की पूजा के लिए यम चतुर्दशी, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है, मनाई जाती है. इस दिन मृत्यु के देवता यम की आराधना की जाती है और उनके नाम का दीप जलाया जाता है. यहाँ जानिए नरक चतुर्दशी की सही तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त

Dhanteras 2024: धनतेरस पर झाड़ू खरीदने से पहले जान लें जरूरी बात, इस दिन क्या न करें ये काम

नरक चतुर्दशी कब मनाई जाएगी ?

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि का आरंभ बुधवार, 30 अक्टूबर 2024 को 1 बजकर 15 मिनट पर होगा. वहीं, चतुर्दशी तिथि का समापन गुरुवार, 31 अक्टूबर को 3 बजकर 52 मिनट पर होगा. इस प्रकार, इस वर्ष नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी.

नरक चतुर्दशी पूजा का मुहूर्त

नरक चतुर्दशी के अवसर पर सूर्यास्त के पश्चात यम दीपक प्रज्वलित किया जाता है. इस दिन पूजा का शुभ समय 5 बजकर 36 मिनट से 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगा.

इस दिशा में जलाएं यम का दीपक

छोटी दीवाली (धनतेरस दीपदान विधि) के अवसर पर, शाम के प्रदोष काल में गेहूं के आटे से एक दीपक तैयार करें. इसके बाद चार बत्तियाँ बनाकर उन्हें दीपक में स्थापित करें और उसमें सरसों का तेल भरें. फिर दीपक के चारों ओर गंगाजल का छिड़काव करें. अंत में, दीपक को घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में रखें और उसके नीचे कोई अनाज अवश्य रखें.

यम पूजन की विधि

नरक चतुर्दशी के दिन यम दीपक को परिवार के सबसे बड़े सदस्य द्वारा जलाना चाहिए. इसके लिए एक बड़ा चौमुखी दीपक लें, उसमें बाती डालकर तेल भरें. फिर दीपक को जलाकर घर के चारों ओर घुमाएं. इसके बाद दीपक को घर के बाहर कुछ दूरी पर रख दें, जबकि अन्य सदस्य घर के अंदर ही रहें.

Also Read: धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना, घर में नहीं होगी पैसों की कमी, जानें अपने शहर का टाइम-टेबल

नरक चतुर्दशी का महत्व

नरक चतुर्दशी से जुड़ा मुख्य कारण भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी सत्यभामा द्वारा राक्षस नरकासुर का वध करना है. इसलिए, यह दिन भगवान कृष्ण द्वारा राक्षस नरकासुर पर विजय का स्मरण करता है. इस दिन, भक्त भगवान कृष्ण से आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं. वे तेल के दीपक जलाते हैं और सुबह जल्दी स्नान करते हैं. इसी तरह, इस दिन भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर को हराना धर्म के रक्षक के रूप में उनकी भूमिका की याद दिलाता है. भगवान कृष्ण की पूजा करके, भक्त न्याय और सत्य के लिए खड़े होते हैं और उनके दिव्य हस्तक्षेप के लिए कृतज्ञता का अनुभव करते हैं, जो भक्तों के जीवन में प्रकाश और खुशी लाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें