इसलिए मनाई जाती है नर्मदा जयंती, यहां जानें क्यों लगाते हैं पवित्र नदी में आस्था की डुबकी

Narmada Jayanti 2025: हिंदू धर्म में मां गंगा को अत्यंत पवित्र और सम्मानित स्थान प्राप्त है, उसी प्रकार नर्मदा नदी को भी पूजनीय माना जाता है. नर्मदा नदी में स्नान करने से अनेक लाभ होते हैं. प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती का आयोजन किया जाता है. आइए, पहले यह समझते हैं कि नर्मदा जयंती मनाने का कारण क्या है.

By Shaurya Punj | February 3, 2025 3:55 PM
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Narmada Jayanti 2025: भारत में सात धार्मिक नदियां की मान्यता हैं, जिन्हें पवित्र और पूजनीय निदियों के रूप माना जाता है. उन्हीं में से एक है नर्मदा नदी. हिंदू धर्म में माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि का दिन अधिक महत्व होता है. इस शुभ दिन पर नर्मदा जयंती मनाई जाती है. माघ माह की सप्तमी तिथि पर रथ सप्तमी का भी अवसर होता हैं.बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर्मदा समेत अन्य पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं और मां नर्मदा की पूजा भी करते हैं, धार्मिक और पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन मां नर्मदा का जन्म हुआ था इसलिए इसदिन नर्मदा जयंती मनाई जाती है.

नर्मदा जयंती कब मनाई जाएगी

ज्योतिषी शास्त्र के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 4 फरवरी 2025 को प्रातः 04 बजकर 37 मिनट पर शुभारंभ होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 5 फरवरी 2025 को देर रात 02 बजकर 30 मिनट पर पूर्ण होगा. ऐसे में इस साल नर्मदा जयंती 4 फरवरी 2025 मनाया जाएगा.

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नर्मदा जयंती क्यों मनाई जाती है?

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, माघ माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मां नर्मदा का अवतरण हुआ था, इसलिए हर साल इस दिन नर्मदा जयंती मनाई जाती है और इस दिन नर्मदा नदी में स्नान दान करने का भी महत्व होता है.

धार्मिक मान्यताके अनुसार नर्मदा जयंती के दिन नर्मदा नदी में डुबकी लगाने से व्यक्ति के समस्त पापों से छुटकारा मिलता हैं और शारीरिक-मानसिक कष्टों से भी मुक्ति मिलती है और आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है. ऐसा कहा जाता है कि मां नर्मदा की उपासना करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि मिलता है. नर्मदा जयंती के इस शुभ अवसर पर मध्य प्रदेश के अमरकंटक में नर्मदा नदी के तट पर भव्या मेले का आयोजन भी किया जाता है.

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