National Creators Award: जया किशोरी और मैथिली ठाकुर को मिला नेशनल अवॉर्ड, पीएम मोदी को सुनाया शिव भजन
National Creators Award: कथावाचक जया किशोरी से लेकर लोकगायिका मैथिली ठाकुर समेत कई युवा हस्तियों को सम्मानित किया. कथावाचक जया किशोरी को बेस्ट क्रिएटर फॉर सोशल चेंज कैटेगरी में सम्मानित किया गया है. वहीं, लोकगायिका मैथिली ठाकुर को कल्चरल एंबेसेडर ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है.
National Creators Award: प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कई युवा हस्तियों को नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया. भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कथावाचक जया किशोरी से लेकर लोकगायिका मैथिली ठाकुर समेत कई युवा हस्तियों को सम्मानित किया. कथावाचक जया किशोरी को बेस्ट क्रिएटर फॉर सोशल चेंज कैटेगरी में सम्मानित किया गया है. वहीं, लोकगायिका मैथिली ठाकुर को कल्चरल एंबेसेडर ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह अवॉर्ड देश की सोशल मीडिया कंटेंट कम्युनिटी में इनोवेशन और क्रिएटिविटी की दिशा में उठाए गए कदमों को सम्मानित करने का है.
जया किशोरी से पीएम मोदी ने पूछा परिचय
पीएम मोदी ने इंटरनेशनल विमेंस डे पर नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड कार्यक्रम में यूट्यूब और सोशल मीडिया क्रिएटर्स को सम्मानित किया, इस कार्यक्रम में जया किशोरी को बेस्ट क्रिएटर फॉर सोशल चेंज का अवॉर्ड मिला. जया किशोरी ने लोगों में आध्यात्मिक दुनिया की तरफ आधुनिक तरीके से रूचि फैलाने का काम किया है. मंच पर अवॉर्ड लेने पहुंची जया किशोरी को बधाई देते हुए पीएम मोदी ने उनका परिचय पूछा. जया किशोरी ने बताया कि ‘मैं कथाकार हूं. श्रीमद भागवतम करती हूं, इसके साथ ही मैं गीता की बातें करती हूं. मेरा बचपन इन्हीं चीजों से गुजरा है और जो बदलाव मुझमें आया है, चाहे शांति, सुकून, खुशी और जो मुझमें बदलाव दिखता है, ये सब अध्यात्म की देन है.
‘अध्यात्म मतलब झोला लेकर चले जाना’ पीएम मोदी
जया किशोरी की इस बाद पर पीएम मोदी ने कहा कि ‘लोगों को डर लगता है कि अध्यात्म मतलब झोला लेकर चले जाना. पीएम की इस बात पर जया किशोरी ने कहा कि ‘ऐसा बिल्कुल नहीं है. सबसे बड़ा आध्यात्मिक ज्ञान है श्रीमद भगवत गीता, जो ऐसे व्यक्ति को सुनाई जा रही है, जो राजा बनने वाला है. राजा से ज्यादा ऐश्वर्य किसी के पास नहीं होता है. गीता में भगवान कृष्ण ने एक बार भी नहीं कहा कि राज्य छोड़ दो. बस कहा कि अपना धर्म पूरा करो, जहां भी हो. सबसे बड़ी बात कि हमारी सोच है कि भगवान से जुड़ना तो बुढापे का काम है. लेकिन ये गलत सोच है. क्योंकि सबसे ज्यादा अध्यात्म की जरूरत युवाओं को है. अगर मैं मटेरियलिस्टिक लाइफ के साथ-साथ आध्यात्मिक जीवन जी सकती हूं, तो मुझे लगता है हर कोई जी सकता है.
कल्चरल एंबेसडर ऑफ दि ईयर
मैथिली ठाकुर का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है, अपने दो छोटे भाइयों के साथ बिहार की मैथिली सोशल मीडिया पर भजन और लोकगीत गाती दिखती रही हैं. बहुत कम उम्र में ही संगीत और लोककला के प्रति उनके समर्पण ने सोशल मीडिया यूजर्स को प्रभावित किया. मैथिली ठाकुर का फॉलोवर्स देश-विदेश में है. मैथिली ठाकुर ने अपनी पारंपरिक गीत-संगीत के माध्यम से लोगों को अपनी सांस्कृतिक और सामाजिक प्रगति की ओर ले जाती है. लोगगायिका मैथिली ठाकुर अपनी मधुर भजनों और पारंपरिक गीतों से लोगों को सराबोर करने का प्रयास सोशल मीडिया के माध्यम से करती हैं. लोकगायिका मैथिली ठाकुर को कल्चरल एंबेसेडर ऑफ द ईयर अवॉर्ड पाने के बाद पीएम मोदी को शिव भजन सुनाया.