Navratri Song 2020 : इस बार दुर्गा पूजा और नवरात्रि की शुरुआत 17 अक्तूबर से हो रही है. ऐसे में मां इस नवरात्र घोड़े को अपना वाहन बना रह धरती पर आयेंगी. इस दौरान गानों का भी एक अपना ही महत्व होता है. अब लोकप्रिय गुजराती गायक राकेश बरोट ने अपने गरबा ट्रैक ‘कुम कुम पगड़ी’ के साथ इस त्योहारी सीज़न की शुरूआत करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. भक्ति की भावना से ओत-प्रोत यह गीत कई भक्तों के दिलों को लुभाने और इस नवरात्रि में आध्यात्मिक उत्साह को जोड़ने के लिए निश्चित है.
इस गीत के बारे में बात करते हुए राकेश ने कहा, “नवरात्रि के शुभ अवसर को चिह्नित करने के लिए मैंने इस बार कुछ नया किया है और बहुत प्यार और विश्वास के साथ एक विशेष गरबा गीत बनाया है. मुझे आशा है कि मेरी नवीनतम रचना, अत्यंत श्रद्धा के साथ, आपके उत्सव को आनंद और आध्यात्मिकता से भर देती है. ‘कुम कुम पगले’ देखना न भूलें.’
शारदीय नवरात्रि का महत्व
धर्म ग्रंथों एवं पुराणों के अनुसार शारदीय नवरात्रि माता दुर्गा जी की आराधना का श्रेष्ठ समय होता है. नवरात्र के इन पावन दिनों में हर दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है, जो अपने भक्तों को खुशी, शक्ति और ज्ञान प्रदान करती है. नवरात्रि का हर दिन देवी के विशिष्ठ रूप को समर्पित होता है. हर देवी स्वरुप की कृपा से अलग-अलग तरह के मनोरथ पूर्ण होते हैं. नवरात्रि का पर्व शक्ति की उपासना का पर्व है.
किस दिन कौन सी देवी की होगी पूजा
मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना : 17 अक्टूबर
मां ब्रह्मचारिणी पूजा : 18 अक्टूबर
मां चंद्रघंटा पूजा : 19 अक्टूबर
मां कुष्मांडा पूजा : 20 अक्टूबर
मां स्कंदमाता पूजा : 21 अक्टूबर
षष्ठी मां कात्यायनी पूजा : 22 अक्टूबर
मां कालरात्रि पूजा : 23 अक्टूबर
मां महागौरी दुर्गा पूजा : 24 अक्टूबर
मां सिद्धिदात्री पूजा : 25 अक्टूबर
58 वर्षों बाद बन रहा ये दुर्लभ योग
माता दुर्गा की आराधना 17 से 25 अक्टूबर तक श्रद्धा एवं भक्तिभाव से की जायेगी. आपको बता दें कि 58 वर्ष बाद यह दुर्लभ योग बन रहा है. ज्योतिषाचार्य पंडित विजय कुमार पांडेय की मानें तो पूरे 58 वर्ष के बाद शनि, मकर में और गुरु, धनु राशि में रहेंगे. इससे पहले यह योग वर्ष 1962 में बना था. उस समय 29 सितंबर से नवरात्रि शुरू हुआ था.
Posted By: Budhmani Minj