Navratri 2020 Third Day& Aaj Ka Panchang: नवरात्रि के तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें पूजा विधि, मत्र और आज के पंचांग में हर एक शुभ मुहूर्त और अशुभ समय…
Navratri 2020 Third Day& Aaj Ka Panchang: आज 19 अक्तूबर दिन सोमवार को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है. इस तिथि पर देवी दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. नवरात्रि में दुर्गा-उपासना के तीसरे दिन की पूजा का विशेष महत्व होता है. मां दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है. बाघ पर सवार मां चंद्रघंटा के शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है.
Navratri 2020 Third Day& Aaj Ka Panchang: आज 19 अक्तूबर दिन सोमवार को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है. इस तिथि पर देवी दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. नवरात्रि में दुर्गा-उपासना के तीसरे दिन की पूजा का विशेष महत्व होता है. मां दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है. बाघ पर सवार मां चंद्रघंटा के शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है. इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है. नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-अर्चन किया जाता है. इनका यह स्वरुप परम शान्तिदायक और कल्याणकारी है. दस भुजाओं वाली देवी के हर हाथ में अलग-अलग शस्त्र विभूषित है. आइये जानते हैं ज्योतिर्विद दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी से आज 19 अक्टूबर के पंचांग के जरिए आज की तिथि का हर एक शुभ मुहूर्त व अशुभ समय…
19 अक्टूबर सोमवार
शुद्धआश्विन शुक्ल पक्ष तृतीया रात -06:47 उपरांत चतुर्थी
श्री शुभ संवत- 2077, शाके – 1942, हिजरी सन- 1441-42
सूर्योदय -06:19
सूर्यास्त-05:41
सूर्योदय कालीन नक्षत्र- विशाखा उपरांत अनुराधा, आयुष्मान- योग्य, तै -करण
सूर्योदय कालीन ग्रह विचार- सूर्य -तुला, चंद्रमा- वृश्चिक, मंगल- मीन, बुध- तुला, गुरु- धनु, शुक्र- सिंह, शनि – धनु, राहु -वृष, केतु- वृश्चिक,
चौघड़िया
प्रात:07:30 से 09:00 तक काल
प्रातः 09.00 से 10.30 तक शुभ
प्रातः10:30 से 12:00 रोग
दोपहरः 01.30 से 03.00 तक चर
शामः 03.00 से 04.30 तक लाभ
शामः 04.30 से 06.00 तक अमृत
उपाय
प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कर्पूर जरूर जलाएं।
आराधनाः“ऊँ जयन्ती मङ्गलाकाली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते”।।
खरीदारी के लिए शुभ समयः शामः 04.30 से 06.00 तक अमृत।
उपायः गुड़ खाकर पानी पीकर कार्य आरंभ करें।
आराधनाःभगवान शंकर जी की आराधना करें।
राहु काल: 07.30 से 9:00 तक.
दिशाशूल-पूर्व एवं अग्नेय
।।अथ राशि फलम्।।
ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा विधि एवं आराधना मंत्र
मां को शुद्ध जल और पंचामृत से स्नान कराएं. अलग-अलग तरह के फूल,अक्षत, कुमकुम, सिन्दूर,अर्पित करें. केसर-दूध से बनी मिठाइयों या खीर का भोग लगाएं. मां को सफेद कमल,लाल गुड़हल और गुलाब की माला अर्पण करें और प्रार्थना करते हुए मंत्र जप करें.
“या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।
दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी
ज्योतिर्विद
संपर्क सूत्र न.-
9430669031
News posted by : Radheshyam kushwaha