Navratri 6th Day, Maa Katyayini Puja: नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी का पूजन किया जाता है, जो कि माता का एक दिव्य रूप है. इस स्वरूप में माता शेर पर विराजमान हैं और उनके सिर पर एक सुंदर मुकुट है. माता की चार भुजाएं हैं. यह मान्यता है कि इस स्वरूप की पूजा करने से विवाह में आने वाली बाधाएं समाप्त हो जाती हैं. आइए, जानते हैं कि नवरात्रि के इस दिन मां कात्यायनी की पूजा कैसे करनी चाहिए, पूजा की विधि, मंत्र और माता को भोग में क्या अर्पित करना चाहिए.
ऐसा है मां कात्यायनी का रूप
मां दुर्गा का यह रूप अत्यंत उज्ज्वल और दिव्य है, और वे ब्रजमंडल की प्रमुख देवी मानी जाती हैं. उनके चार हाथ हैं, जिनमें से दाहिनी ओर का ऊपरी हाथ अभयमुद्रा में है, जबकि निचला हाथ वरमुद्रा में है. बाईं ओर के ऊपरी हाथ में तलवार और निचले हाथ में कमल का फूल है. माता का वाहन सिंह है.
नवरात्रि के छठे दिन का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:39 से 5:28 बजे तक रहेगा. विजय मुहूर्त दोपहर 2:06 से 2:53 बजे तक होगा. निशिथ काल मध्यरात्रि 11:45 से 12:34 बजे तक रहेगा. गोधूलि बेला शाम 6:01 से 6:25 बजे तक होगी. अमृत काल सुबह 9:12 से 10:40 बजे तक निर्धारित है.
मां कात्यायनी पूजा विधि-
नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी के स्वरूप की पूजा करने के लिए प्रातः स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा का संकल्प लेना आवश्यक है. मां कात्यायनी को पीला रंग अत्यंत प्रिय है, अतः पूजा के समय पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है. मां को अक्षत, रोली, कुमकुम, पीले फूल और भोग अर्पित करें. इसके साथ ही माता की आरती और मंत्रों का जाप करना चाहिए.
मां कात्यायनी मंत्र
कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी.
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः..