Navratri Saptami Puja Vidhi: मां दुर्गा की महासप्तमी पूजा शुक्रवार को की जायेगी. इसी के साथ डोली यात्रा, नवपत्रिका प्रवेश, प्राण प्रतिष्ठा व पट प्रदर्शन का योग है. मां के कालरात्रि स्वरूप की पूजा का शुभ योग रात्रि 11.30 बे से रात्रि 1.30 बजे तक शुभ माना गया है. पं. राधाकांत शास्त्री के अनुसार मां का कालरात्रि रूप सभी भक्तों को शुभ फल देने वाला है.
इस पूजा के लिए सभी मंदिरों में तैयारी की गयी है, लेकिन पूजा व आरती के समय भक्तों के प्रवेश पर रोक रहेगी. मंदिर के पुजारी व पूजा कमेटी के सदस्य ही पूजा के समय मंदिर में मौजूद रहेंगे. सप्तमी की सुबह से भक्तों के दर्शन के लिए कमेटी की ओर से मंदिर के मुख्य द्वार पर ही सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गयी है. भक्तों को मास्क पहन कर और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कर मंदिर में आना होगा.
दुर्गा मंदिरों की ओर से गुरुवार को बेल निमंत्रण पूजा की गयी. पुजारियों व पूजा कमेटी के लोगों ने बेल के पेड़ के नीचे मां की आराधना की. महेश बाबू चौक महामाया स्थान की ओर से जूरन छपरा रोड नं. 3 में बेल पेड़ के नीचे पूजा की गयी. इसके बाद महामाया स्थान पर पूजा हुई. पं. रंजीत नारायण तिवारी ने कहा कि बेल पेड़ की पूजा कर मां को आमंत्रण दिया गया है. महासप्तमी की पूजा के बाद मां की कालरात्रि पूजा होगी.
बांग्ला भाषी समुदाय की ओर से हरिसभा स्कूल में की जाने वाली पूजा मुख्य द्वार बंद कर की गयी. यहां मुहूर्त के अनुसार सुबह सात बजे और रात्रि आठ बजे पूजा आरती की गयी. इस मौके पर सिर्फ पूजा कमेटी के लोग ही शामिल थे. बाहर से भक्त दर्शन के लिए नहीं पहुंचे, इसलिए मुख्य द्वार बंद कर दिया गया था.
News Posted by: Radheshyam Kushwaha