Nirjala Ekadashi 2024 और बड़ा मंगल एक ही दिन, जानें जीवन में सफलता के विशेष उपाय
Nirjala Ekadashi 2024 and Bada Mangal on the same day: कल यानी 18 जून को निर्जला एकादशी और बड़ा मंगल एक दिन हैं. इस दुर्लभ संयोग में कुछ काम करना आपके लिए बेहद हितकारी साबित हो सकता है.
Nirjala Ekadashi 2024: कल यानी18 जून 2024 को निर्जला एकादशी और बड़ा मंगल का दुर्लभ संयोग बन रहा है. यह एक ऐसा अवसर है जो आपको जीवन में अपार सफलता, सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है. यह अद्भुत संयोग आपके जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता, खुशियां और मोक्ष प्राप्ति का द्वार खोल सकता है. इस दिन किए गए शुभ कार्यों से आपको अष्ट सिद्धि प्राप्त हो सकती है, ग्रहों की दशा ठीक हो सकती है, मन की शांति मिल सकती है, पापों का नाश हो सकता है और आध्यात्मिक उन्नति हो सकती है. आइए जानते हैं इस विशेष दिन शुभ कार्य कैसे करें और अष्ट सिद्धि कैसे प्राप्त करें.
शुभ कार्य और अष्ट सिद्धि की प्राप्ति
हनुमान चालीसा और रामचरितमानस का पाठ: निर्जला एकादशी का व्रत रखने वालों को भगवान विष्णु की पूजा के बाद ही हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. भगवान हनुमान, भगवान विष्णु के परम भक्त हैं और उनकी पूजा विष्णु जी को भी प्रसन्न करती है. अगर आपके जीवन में ग्रहों के कारण परेशानियां हैं तो इस दिन रामचरितमानस या सुंदरकांड का पाठ करें. भगवान राम, भगवान विष्णु के अवतार हैं और उनका स्मरण सभी कष्टों को दूर करता है.
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भगवान विष्णु और राम जी की पूजा: निर्जला एकादशी के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें. भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें पीले फूल, तुलसी, फल और मिठाई अर्पित करें. बड़ा मंगल के दिन हनुमान मंदिर जाकर भगवान राम की पूजा करें. लाल आसन पर बैठकर 1008 बार राम नाम का जप करें. साथ ही, “ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का भी जप करें.
दान: निर्जला एकादशी और मंगलवार दोनों ही दान के लिए उत्तम दिन माने जाते हैं. इस दिन आप अपनी सामर्थ्य अनुसार दान करें. तांबे की वस्तुएं, दूध, चावल, जल, फल, वस्त्र आदि दान करना शुभ होता है. दान करने से पुण्य प्राप्त होता है और ग्रहों की दशा भी ठीक होती है.
अन्य शुभ कार्य
गुरुजनों का सम्मान: इस दिन अपने गुरुजनों को पुस्तक, पेन, फल या मिठाई भेंट दें. गुरुजनों का आशीर्वाद जीवन में सफलता और खुशहाली लाता है.
अनाथालय या वृद्धाश्रम में सेवा: किसी अनाथालय या वृद्धाश्रम में जाकर जरूरतमंदों की सेवा करें. दान-पुण्य और सेवा करने से मन को शांति मिलती है और पुण्य भी प्राप्त होता है.
राहगीरों को जलदान: गर्मी के मौसम में राहगीरों को ठंडा जल पिलाकर पुण्य कमाएं.
भोजन का दान: कम से कम 11 लोगों को भोजन करवाएं. भोजन का दान अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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