हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भक्त व्रत रखकर विधि-विधान से त्रिनेत्रधारी की आराधना करते हैं. मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं. इसलिए इस दिन की गई शिव उपासना का कई गुना अधिक फल मिलता है.
इस बार महाशिवरात्रि पर चार शुभ संयोग बनने वाले हैं. महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र और शिव योग के साथ मकर राशि का चंद्रमा होगा. इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्ध योग भी बनेगा. इन चार शुभ संयोग में महाशिवरात्रि की पूजा शिव भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने वाली है.
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की शुरुआत
8 मार्च रात 9:57 बजे से फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की समाप्ति: 9 मार्च 6:17 पर. महाशिवरात्रि निशिता पूजा मुहूर्त: देर रात में 12:07 से 12:56 रात तक. दिन में महाशिवरात्रि की पूजा का समय: ब्रह्म मुहूर्त 5:01 बजे से प्रारंभ.
सर्वार्थ सिद्धि योग
सुबह 06:38 बजे से सुबह 10:41 बजे तक2. शिव योग: सूर्योदय से 9 मार्च, 12:46 तक. सिद्ध योग: 9 मार्च दोपहर 12:46 से रात 8:32 तक. श्रवण नक्षत्र: प्रात:काल से 10:41 तक, फिर धनिष्ठा नक्षत्र.
राशि एक अनुसार शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं
- मेष : बेलपत्र अर्पित करें.
- वृष : दूध मिश्रित जल चढ़ाएं.
- मिथुन : दही मिश्रित जल चढ़ाएं.
- कर्क : चंदन का इत्र अर्पित करें.
- सिंह : घी का दीपक जलाएं.
- कन्या : काला तिल और जल मिलाकर अभिषेक करें.
- तुला: जल में सफेद चंदन मिलाएं.
- वृश्चिक : जल और बेलपत्र चढ़ाए.
- धनु : अबीर या गुलाल चढ़ाएं.
- मकर : भांग और धतूरा चढ़ाएं.
- कुंभ : पुष्प चढ़ाएं.
- मीन : गन्ने के रस और केसर से अभिषेक करें.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/954529084