Onam Puja 2020: दक्षिण भारत में आज की जा रही है ओणम की खास पूजा, जानें पूजा विधि, नियम और इस त्योहार से जुड़ी पूरी जानकारी
Onam Puja 2020: दक्षिण भारत में ओणम का त्योहार आज 31 अगस्त दिन सोमवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है. ओणम दक्षिण भारत खासतौर केरल में बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. यह केरल का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. मान्यता है ओणम यानी थिरुओणम के दिन ही राजा महाबली अपनी समस्त प्रजा से मिलने के लिए आते है जिसकी खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है. ओणम मनाने के लिए देश-विदेश तक के लोग आते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण लोग नहीं पहुंच सकेंगे.
Onam Puja 2020: दक्षिण भारत में ओणम का त्योहार आज 31 अगस्त दिन सोमवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है. ओणम दक्षिण भारत खासतौर केरल में बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. यह केरल का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. मान्यता है ओणम यानी थिरुओणम के दिन ही राजा महाबली अपनी समस्त प्रजा से मिलने के लिए आते है जिसकी खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है. ओणम मनाने के लिए देश-विदेश तक के लोग आते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण लोग नहीं पहुंच सकेंगे.
यह एक सांप्रादायिक सद्भावना का पर्व है. इस पर्व को हर धर्म के लोग मिल जुलकर मनाते हैं. यह त्योहार पूरे दस दिनों तक चलता है. यह उल्लास, उमंग और परंपराओं से भरा हुआ त्योहार है. ओणम को खासतौर पर खेतों में फसल की अच्छी उपज के लिए मनाया जाता है. इस बार ओणम सोमवार, 22 अगस्त से 2 सितंबर तक पूरे 10 दिन मनाया जा रहा है. इसकी मुख्य पूजा Onam puja आज सोमवार यानि 31 अगस्त को होगी. ओणम इसलिए भी विशेष है, क्योंकि इसकी पूजा मंदिर में नहीं बल्कि घर में की जाती है.
दक्षिण भारत में आज ओणम की खास पूजा की जा रही है. ओणम पर पीएम मोदी ने बधाई दी है. उन्होंने ने ट्वीट कर कहा है कि यह एक अनूठा त्योहार है, जो सद्भाव का जश्न मनाता है. यह हमारे मेहनती किसानों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक अवसर है. सभी को आनंद और उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है.
Greetings on Onam. This is a unique festival, which celebrates harmony. It is also an occasion to express gratitude to our hardworking farmers. May everyone be blessed with joy and best health. pic.twitter.com/4pjpGRKk6Q
— Narendra Modi (@narendramodi) August 31, 2020
ओणम पर्व का खेती और किसानों से गहरा संबंध है. किसान अपने फसलों की सुरक्षा और अच्छी उपज के लिए श्रावण देवता और पुष्पदेवी की आराधना करते हैं. फसल पकने की खुशी लोगों के मन में एक नई उम्मीद और विश्वास जगाती है. इन दिनों पूरे घर की विशेष साफ-सफाई की जाती है. इसके बाद लोग पूरे घर को फूलों से सजाते हैं. घरों को फूलों से सजाने का कार्यक्रम पूरे 10 दिनों तक चलता है. लोग अपने दरवाजों पर फूलों से रंगोली भी बनाते हैं.
ओणम उत्सव आज है. इस दिन एक पारंपरिक दावत समारोह का आयोजन किया जाता है. इस समारोह में मीठे व्यंजनों के अलावा नौ स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं, जिनमें पचड़ी काल्लम, ओल्लम, दाव, घी, सांभर, केले और पापड़ के चिप्स मुख्य रूप से बनाए जाते हैं . इन व्यंजनों को केले के पत्तों पर परोसा जाता है. लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार वालों को इस पर्व की शुभकामनाएं देते हैं. ओणम भारत के सबसे रंगारंग त्योहारों में से एक है. इस पर्व की लोकप्रियता इतनी है कि केरल सरकार इसे पर्यटक त्योहार के रूप में मनाती है. ओणम पर्व के दौरान नाव रेस, नृत्य, संगीत, महाभोज जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है.
ओणम शुभ मुहूर्त
ओणम उत्सव आरंभ 21 अगस्त 2020
ओणम महोत्सव की अंतिम तिथि: 2 सितंबर 2020
ओणम मुख्य पर्व थिरुवोणम नक्षत्र आरंभ तिथि और समय: 30 अगस्त 2020 दिन रविवार के दोपहर 01 बजकर 52 मिनट पर
थिरुवोणम नक्षत्र समाप्त: 31 अगस्त 2020 दिन सोमवार दोपहर 03 बजकर 04 मिनट पर
क्या है ओणम का इतिहासओणम को मनाने के पीछे एक पौराणिक मान्यता है. कहा जाता है कि केरल में महाबली नाम का एक असुर राजा था. उसके आदर सत्कार में ही ओणम त्योहार मनाया जाता है. उनके राज्य में प्रजा बहुत सुखी व संपन्न थी. इसी दौरान भगवान विष्णु वामन अवतार लेकर आए और तीन पग में उनका पूरा राज्य लेकर उनका उद्धार कर दिया. माना जाता है कि वे साल में एक बार अपनी प्रजा को देखने के लिए आते हैं. तब से केरल में हर साल राजा बलि के स्वागत में ओणम का पर्व मनाया जाता है.
इतिहास में राजा बलि को महादानी और महाबली भी कहा गया है. राजा बलि के शौर्य और साहस की कई गाथाएं मशहूर हैं. एक प्रचलित कथा के अनुसार राजा बलि ने अपने दम पर तीनों लोकों पर अपना अधिकार जमाया था. इस कारण स्वयं भगवान विष्णु को उनसे युद्ध करने के लिए वामन अवतार लेना पड़ा. भगवान विष्णु ने राजा बलि से उनका सारा राज्य ले लिया और उन्हें पाताल लोक भेज दिया. मगर राजा बलि को भगवान विष्णु से वरदान मिला कि वो साल में एक बार अपनी प्रजा को देखने के लिए धरती पर आ सकते हैं. ओणम के मौके पर केरल के लोग अपने राजा बलि के आने की खुशी में जोरशोर से तैयारी करते हैं. ओणम महोत्सव राजा बलि और उनकी प्रजा के बीच के मजबूत रिश्ते को दर्शाता है.
News posted by : Radheshyam kushwaha