आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन इच्छित फल की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु का पूजन करने का विधान है. जो व्यक्ति पापांकुशा एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करता है, उसे 100 सूर्य यज्ञ और 1 हजार अश्वमेध यज्ञ करने के समान पुण्य फल प्राप्त होता है.
पापों से मुक्ति पाने के लिए पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. भगवान विष्णु के आशीर्वाद से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती है. ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री से जानते हैं कि इस साल पापांकुशा एकादशी व्रत कब है? पापांकुशा एकादशी व्रत का पूजा मुहूर्त और महत्व क्या है?
ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि पापांकुशा एकादशी 25 अक्टूबर 2023 को है, जो व्यक्ति सुवर्ण, तिल, भूमि, गौ, अन्न, जल, जूते और छाते का दान करता है, उसे यमराज के दर्शन नहीं होते है.
पंचांग के अनुसार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 24 अक्टूबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 25 अक्टूबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी.
पापांकुशा एकादशी व्रत का पारण 26 अक्टूबर 2023 को है. इस दिन सुबह 06 बजकर 28 मिनट पर से सुबह 08 बजकर 43 मिनट तक शुभ मुहूर्त है. पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय 09 बजकर 44 मिनट तक रेहगी.
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें.
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें.
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.
भगवान की आरती करें.
भगवान को भोग लगाएं.
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें.