Papmochani Ekadashi 2024: आज चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है. आज 5 अप्रैल 2024 दिन शुक्रवार को पापमोचनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा. धार्मिक मान्यता है कि पापमोचिनी एकादशी का उपवास रखने मात्र से ही भक्तों के सभी रोग शोक सभी प्रकार के पाप एवं कष्टों का नाश हो जाता है. पापमोचिनी एकादशी का महत्व स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया था. भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो व्यक्ति इस व्रत को रखता है, उसके समस्त पाप खत्म हो जाते हैं और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस साल पापमोचनी एकादशी में कुछ विशेष संयोग बन रहे हैं. आइए जानते है ज्योतिषाचार्य पंडित पीयूष पाराशर से शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व…
पापमोचनी एकादशी व्रत पारण का शुभ समय क्या है
पापमोचनी एकादशी तिथि 5 अप्रैल 2024 दिन शुक्रवार यानी आज 1 बजकर 31 पर तक रहेगी. पापमोचनी एकादशी का व्रत पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है. पापमोचनी एकादशी व्रत पारण का समय 6 अप्रैल 2024 दिन शनिवार को 6 सुबह 05 बजे से 8 बजकर 37 मिनट तक है. आज पापमोचनी एकादशी व्रत की पूजा के लिए तीन शुभ योग का संयोग बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग, द्विपुष्कर योग और सिद्धि योग में भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी.
पापमोचनी एकादशी व्रत पूजा विधि
आज सुबह गंगाजल से स्नान करें पूजाघर को गंगाजल से पवित्र करें. इसके बाद भगवान विष्णु को प्रणाम कर उपवास का संकल्प लें. फिर भगवान विष्णु को गंगाजल से स्नान कराकर आसन प्रदान करें. इसके बाद गाय के घी या तिल के तेल से अखंड ज्योति प्रज्वलित करें. फिर भगवान विष्णु को रोली, कुमकुम, चंदन, पीले पुष्प, पान सुपारी, तुलसी पत्र, भगवान को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें. इसके बाद 11 पीली मिठाइयां अर्पित करें. भगवान को पीला चंदन अर्पित कर उन्हें हल्दी में रंगा हुआ यज्ञोपवीत चढ़ाए इसके बाद आसन पर बैठकर भगवान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें.
पापमोचनी एकादशी व्रत में क्या खाना चाहिए?
पापमोचनी एकादशी का निर्जला उपवास विधि-विधान से करनी चाहिए. पापमोचनी एकादशी व्रत में फल, चीनी, कुट्टू, आलू, साबूदाना, शकरकंद, जैतून, नारियल, दूध, बादाम, अदरक, काली मिर्च, सेंधा नमक आदि का सेवन किया जा सकता है.
विष्णु जी की आरती: जय वृहस्पति देवा,ऊँ जय वृहस्पति देवा